अस्पताल के हालात यह है कि मरीजों के साथ रहने वाले परिजन खुद बीमार होकर लौट रहे हैं। जब शुक्रवार को पत्रिका टीम अस्पताल में पहुंची तो वहां के वार्डो को देखा। जहां पर शिशु वार्ड में मरीजों के बैड पर चद्दर नहीं थी। उनसे पता करने पर परिजनों ने बताया कि दो दिन से ही चद्दर नहीं दी गई है। जिसके कारण यहां पर मरीजों के परिजन जो घर से लेकर आए है। उनको बिछाया गया है और मरीजों के परिजनों ने बताया कि वार्ड में लगे चिकित्सा स्टाफ को कहने के बाद भी कोई समाधान नहीं किया गया है। इसके साथ ही यहां पर मच्छर भी बहुत ज्यादा है जिसकी भी शिकायत की गई लेकिन स्टाफ ने इसके समाधान के लिए कोई दवाई नहीं छिडक़ी गई। जिसके बाद टीम ने वार्ड में ड्यूटी लगी महिलाकर्मी से इस बारे में बात की तो कुछ देर तो कोई जवाब फिर कहा कि इंचार्ज से बात करो। यह पूछा गया कि मरीजों के परिजन कह रहे हैं कि चद्दर नहीं मिली सुबह से तो महिलाकर्मी ने कहा कि मैं इसमें कुछ नहीं कर सकती आपको जो बात करनी है इंचार्ज से करों और उनसे ही शिकायत करो।
वार्ड में असुविधा के कारण भर्ती मरीज और उनके बच्चों के ओर ज्यादा बीमार होने की आशंका बनी हुई है।अस्पताल में रोगी जांच पर्ची से लाखों रुपए जमा होने के बावजूद अस्पताल में सफाई व्यवस्था भी ठीक नहीं है। वाहन पार्किंग की अव्यवस्था,नालियों में जमा गंदगी,मरीजों के लिए वार्डों में लगाए गए कूलर भी खराब पड़े हैं। बैडों पर चादर भी नहीं हैं। यही नहीं प्रसूता वार्ड के शौचालय से दुर्गंध से वार्ड में जच्चा-बच्चा परिजनों का रूक पाना मुश्किल बना हुआ है।