अगस्त 2016 से चल रहा कार्य अलवर से बांदीकुई के बीच करीब 62 किलोमीटर का दोहरीकरण का कार्य होना है। अगस्त 2016 से दोहरीकरण का कार्य चल रहा है। 30 किलोमीटर का दोहरीकरण का कार्य पूरा हो गया है। शेष कार्य पूरा होने में करीब एक साल का समय और लग सकता है।
ट्रेनें कई घण्टे देरी से स्पेशल टीम आने के कारण अलवर से ढिगावड़ा के बीच ट्रैक का निरीक्षण किया गया। कुछ कार्य भी चलता रहा। जिसके कारण गुरुवार को रानीखेत सहित काफी ट्रेनें कई घण्टे की देर से आई। बीच-बीच में ब्लॉक लिया गया। जिसके कारण हजारों यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी।
मथुरा -अलवर ट्रेन पांच फरवरी तक रहेगी रद्द रेलवे ट्रैक दोहरीकरण के कार्य के चलते मथुरा अलवर ट्रेन पांच फरवरी तक आंशिक रद्द रहेगी। अभी यह ट्रेन पिछले कुछ दिनों की तरह ऊंटवाल तक ही चलेगी।
पहले मोटर ट्रॉली फिर ट्रेन से सीआरएस टीम ने पहले मोटर ट्रॉली और फिर स्पेशल ट्रेन दौड़ाकर नए ट्रैक का परीक्षण किया। इस तरह दो दिन तक मुम्बई से आई टीम ने नए प्लेटफॉर्म व ट्रैक का निरीक्षण किया है। स्पेशल ट्रैन दौड़ाते समय इंजन में सीआरएस सुशील चन्द्रा, सीईओ ललित कपूर, डीआरएम शोभ्या माथुर, सहायक अभियंता रामावतार मीना, पीडल्यूआई प्रहलाद बैठकर ढिगावड़ा तक गए। इससे पहले मोटर ट्रॉली से ढिगावड़ा से अलवर तक ट्रैक का परीक्षण किया गया। देर शाम को सीआरएस ने फिट जारी कर दिया। पिछले कई महीनों से इस ट्रैक का कार्य तेजी से चल रहा था। फिट मिलने के बाद रेलवे के अधिकारियों को काफी राहत मिली है।