शहर की सड़कों पर सिर पर चुन्नी बांधे, हाथों में प्रसाद की थैली लिए भक्त हर तरफ नजर आ रहे थे। मार्ग में अनेक जगहों पर भंडारे व प्रसाद का वितरण किया गया। जगह-जगह पर पानी की प्याऊ लगी हुई थी। हेलमेट की अनिवार्यता के चलते अधिकतर भक्त हेलमेट पहने हुए दिखाई दिए। इधर, टै्रकिंग का लुत्फ उठाने वाले युवक-युवतियां पहाड़ी मार्ग से माता के मंदिर तक पहुंचे। रास्ते में जोर से बोलो जय माता की, चलो बुलावा आया है…आदि के जयकारे लगाए जा रहे थे। करणी माता मंदिर में भक्तों ने माता को चुनरी और नारियल चढ़ाई। इसके बाद मन्नत का धागा बांधा।
शहर के अशोका टाकीज, बस स्टैंड सहित अनेक जगहों पर भी प्रसाद का वितरण किया गया। अधिक भीड़ के चलते त्रिपोलिया, मन्नी का बड़, पंसारी बाजार, केडलगंज सहित अन्य बाजारों में बार-बार जाम के हालात पैदा हो गए। बाला किला मार्ग पर भी रोड छोटा होने के कारण वाहनों की वजह से जाम लग गया।
वैष्णो माता के मंदिर जैसी अनुभूति
मालाखेड़ा बाजार स्थित वैष्णो माता मंदिर में प्रत्येक नवरात्र पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। यह एक एेसा मंदिर है जहां जाकर भक्तों को जम्मू में स्थित वैष्णो माता मंदिर की जैसी अनुभूति होती है । मंदिर के अंदर व बाहर बनाई गई पहाड़ों की अनुभूति कराती कृत्रिम गुफाएं देखकर एेसा लगता है जैसे हम जम्मू के वैष्णो माता के मंदिर में पहुंच गए हो। मंदिर के पीछे बनाई गई परिक्रमा में बहते हुए झरने सभी को आकर्षित करते हैं। सुबह और शाम को संगीतमय आरती होती है। नौ दिनों तक दोपहर में महिलाओं की मंडली की ओर से भजन कीर्तन कर माता की महिमा का गुणगान करती है।