अलवर

पछले 4 वर्षों में यहां स्वास्थ्य के क्षेत्र में नहीं हुआ कोई बड़ा काम, यह हम नहीं स्वयं चिकित्सक कह रहे हैं

अलवर को मेडिकल विभाग में पिछले 4 सालों में क्या मिला, क्या नहीं मिला, इस मुद्दे पर क्या कहते है चिकित्सक।

अलवरFeb 12, 2018 / 10:59 am

Himanshu Sharma

राज्य बजट आज 12 फरवरी को पेश होने जा रहा है, इसको लेकर चारो ओर चर्चाएं है, अलवर की बात करें तो अलवर को भी कोई बड़ी सौगात इन बीते चार सालों में नहीं मिली है। अलवर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कोई खास कार्य नहीं हो पाया है, यहां 4 साल से मेडिकल कॉलेज भी प्रारंभ नहीं हो पाया है। इस वजह से अलवर के मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली या जयपुर जाना पड़ता है। अलवर को बजट से क्या उम्मीदें है, और अलवर को अभी तक क्या-क्या मिला, इस विषय पर पत्रिका ने जिले के चिकित्सकों से बात की तो उन्होने यह बताया-
अलवर के एमआईए में ईएसआईसी का अस्पताल बना है। प्रदेश सरकार ने भी तो मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी, उसका क्या हुआ। इसके अलावा भामाशाह योजना में कुछ सुधार की आवश्यकता है। जिसे सभी लोगों को लाभ मिल सके।
डॉ. राजीव सक्सेना, अध्यक्ष, आईएमए
जनसंख्या के हिसाब से अलवर आगे है, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं में अलवर पीछे हो रहा है। भामाशाह योजना में सुधार की आवश्यकता है। रेलवे, ईएसआईसी व सेना की तरह आमजन को भामाशाह योजना का लाभ मिलना चाहिए। पैकेज के अलावा भी इलाज सुविधा होनी चाहिए।
डॉ. जीएस सोलंकी, फिजीशियन
स्वास्थ्य क्षेत्र में खासे सुधार की आवश्यकता है। अलवर से अब भी लोग प्रतिदिन इलाज के लिए जयपुर व दिल्ली जाते हैं। अलवर में मरीजों के लिए सुपर स्पेशलिटी सेवाओं की व्यवस्था होनी चाहिए। अलवर में प्रतिदिन इलाज के लिए आसपास क्षेत्र के लोग आते हैं।
डॉ. मुकेश गुप्ता, शिशु रोग विशेषज्ञ
अलवर में मेडिकल कॉलेज की आवश्यकता है। जल्द से जल्द मेडिकल कॉलेज शुरू होना चाहिए। इसके अलावा जिले के अस्पतालों में आईसीयू सुविधा बेहतर होनी चाहिए। क्योंकि बच्चों, प्रसूता व अन्य मरीजों को आईसीयू की आवश्यकता होती है।
डॉ. दिलीप सेठी, शिशु रोग विशेषज्ञ
प्रदेश सरकार को अलवर के लिए विशेष बजट देना चाहिए। अलवर एनसीआर क्षेत्र का हिस्सा है, लेकिन यहां संसाधन अभी किसी छोटे शहर जैसे हैं। सुपर स्पेशलिटी सेवाओं के लिए लोग अब भी दिल्ली या जयपुर जाते हैं। जब तक यहां लोगों को रोजगार नहीं मिलेगा, इस क्षेत्र का विकास नहीं होगा।
डॉ. डीआर पटेल, फिजीशियन
सरकारी अस्पताल में मरीजों का भार रहता है। मेडिकल कॉलेज शुरू होने से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के साथ अलवर के लोगों को रोजगार भी मिलेगा। अलवर को छोडक़र अन्य छोटे शहरों में कॉलेज का भवन बन चुका है। लेकिन अलवर में जमीनी हकीकत इससे बिलकुल अलग है।
डॉ. स्नेह लता यादव, महिला रोग विशेषज्ञ
दिल्ली के पास होने के बाद भी अलवर में एनसीआर के शहरों की तरह सुविधाएं व संसाधन नहीं है। इसलिए अलवर के लोग आज भी छोटी सी बीमारी का इलाज कराने के लिए दिल्ली व जयपुर जाते हैं। महिला अस्पताल के लिए विशेष पैकेज मिलना चाहिए।
डॉ. मोनिका गुप्ता, महिला रोग विशेषज्ञ
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