जलदाय कार्यालय पहुंचे वार्ड 34 के लोगों ने निजी ट््यूबवैल से महंगे दामों पर पानी बेचने के आरोप लगाए। स्थानीय पार्षद रवि मीणा ने बताया कि विवेकानंद सेक्टर नंबर 4 में मीणा मंदिर के समीप 2 सरकारी ट््यूबवैल हैं, जिनसे करीब 5-7 वर्षों से आसपास के करीब 500 घरों में पानी की सप्लाई दी जा रही है, लेकिन कुछ लोगों ने सरकारी बोङ्क्षरग के पास ही निजी बोर कर रखे हैं। इनसे रोजाना करीब 100 से 150 पानी के टैंकर महंगे दामों में बेच रहे हैं। इससे सरकारी बोङ्क्षरग का पानी सूख गया है। अधिकारियों ने सरकारी बोर को और गहरा कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद मिनी सचिवालय पहुंचकर अतिरिक्त जिला कलक्टर बीना महावर को जिला कलक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इसमें अवैध बोङ्क्षरग से पानी का दोहन कर बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।
नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष विक्रम यादव ने बताया कि निजी बोङ्क्षरगों से रोजाना प्रतिदिन सैकड़ों टैंकर पानी का बेचान किया जा रहा है। इससे आमजन को पानी नहीं मिल रहा। इसे लेकर जिला प्रशासन से कार्रवाई की मांग की गई है।
राजगढ़. भीषण गर्मी में जल संकट लोगों का पारा बढ़ा रहा है, दूसरी ओर सरकार की ओर से स्वीकृत योजनाएं मूर्तरूप नहीं ले पा रही हैं। ग्राम पंचायत दुब्बी के अनावड़ा गांव में करीब 1.17 करोड़ रुपए की लागत से स्वीकृत घर- घर नल योजना का कार्य आठ माह से बन्द है। इससे पेयजल संकट बना हुआ है। इसे लेकर आक्रोशित महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया और उपखण्ड अधिकारी को सीएम के नाम ज्ञापन सौंंपा।
ज्ञापन में महिलाओं ने बताया कि योजना के तहत केवल दो ट््यूबवैल का कार्य हुए करीब आठ माह का समय हो चुका है। इसके बाद आगे का कार्य पाइपलाइन बिछाना, बिजली कनेक्शन करना आदि नहीं हो पा रहे। इस मामले की शिकायत राजगढ़ उपखण्ड अधिकारी सीमा खेतान, जलदाय विभाग के एक्सईएन, एईएन व जेईएन को छह माह से करते आ रहे हैं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और न ही कार्य चालू हुआ है। अनावडा में ग्रामीणों के समक्ष पानी का संकट बना हुआ है। ग्रामीण पेयजल समस्या के निराकरण की मांग को लेकर ग्राम पंचायत कार्यालय दुब्बी में प्रदर्शन करते हुए धरना देकर बैठ गए। इस पर सरपंच मुन्नी देवी ने समझाइश कर उन्हें पांच दिन का आश्वासन देकर जल्द कार्य शुरू कराने का आश्वासन दिया।
जनसुनवाई में भी कराया था अवगत
महिलाओं ने बताया कि इस सम्बन्ध में जनसुनवाई में 13 जनवरी को लिखित में उपखण्ड अधिकारी राजगढ़ को अवगत कराया गया था। 7 फरवरी को कलक्टर को पत्र प्रेषित किया था, लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया।