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अलवर

अलवर में इसलिए खत्म नहीं होती पानी के लिए हाहाकार

गर्मी के चलते शहर का ज्यादातर हिस्सा इन दिनों पेयजल संकट से प्रभावित है, इन क्षेत्रों में पेयजल संकट का कारण है पानी का असमान वितरण। प्रशासन भी पेयजल संकट के समाधान के लिए टैंकरों पर निर्भर है, लेकिन इस साल जलदाय विभाग की ओर से टैंकरों से पेयजल सप्लाई सुचारू नहीं हो पाने का नतीजा है कि मैासम ठंडा होने के बाद भी हर दिन लोगों को पानी की मांग को लेकर सडक़ पर उतरना पड़ रहा है।

अलवरJun 19, 2019 / 12:53 pm

Prem Pathak

water crises in alwar

अलवर में इसलिए खत्म नहीं होती पानी के लिए हाहाकार

अलवर. गर्मी के चलते शहर का ज्यादातर हिस्सा इन दिनों पेयजल संकट से प्रभावित है, इन क्षेत्रों में पेयजल संकट का कारण है पानी का असमान वितरण। प्रशासन भी पेयजल संकट के समाधान के लिए टैंकरों पर निर्भर है, लेकिन इस साल जलदाय विभाग की ओर से टैंकरों से पेयजल सप्लाई सुचारू नहीं हो पाने का नतीजा है कि मैासम ठंडा होने के बाद भी हर दिन लोगों को पानी की मांग को लेकर सडक़ पर उतरना पड़ रहा है।
जिले में पिछले दिनों मानसून पूर्व की बारिश से तापमान गिरकर ४० डिग्री के इर्द गिर्द आ गया। इसके बाद भी अलवर शहर ही नहीं पूरे जिले में पानी की समस्या बरकरार है। भूजल स्तर नीचे जाने से अलवर शहर में कई टयूबवैल सूख चुके हैं, वहीं कुछ में पानी का डिस्चार्ज कम हो गया है। इससे शहर के ज्यादातर हिस्से में लोग पेयजल संकट से परेशान हैं।
शहर के पेयजल ग्रस्त क्षेत्र

जुबली बास, एरोड्रम रोड, अंडोला मोहल्ला, प्रतापनगर, भगवानपुरा, पहाडग़ंज हजूरी गेट, महताबसिंह का नौहारा, धोबी गट्टा, विकास पथ, मालन की गली, सिद्धिपुऱा, मोहल्ला दिल्ली दरवाजा, गंगा मंदिर बलजी राठौड़ की गली, शिकारी पाड़ा, बिराई माता मोहल्ला, राठ नगर, शिव कॉलोनी, शिवाजी पार्क, गालीब सैयद मोहल्ला, कल्लू पाड़ा, लोहिया पाड़ी, तिलक मार्केट, ढकपुररी, हकीमजी की गली, बांस वाली गली, नुक्ती का कुआं, भैरो का स्थान, बीरबल मोहल्ला, भीकम सैयद, धोबी पाड़ा, मीना की गली, खपटा पाड़ी, रंगभरियों की गली, चकला गूंदी, मोहन पंसारी की गलीी, सक्का पाड़ी, माता वाली गली जगन्नाथ मंदिर, हर बक्श का मोहल्ला, लादिया पहाड़ों में पवन मित्तल व गौरी विजय वाली सडक़, लादिया पहाड़ों में पई की गली, पारीकजी का चौक, राजू विजय वाली सडक़, गुर्जर पाड़ी, गुरुजी का मंदिर, अखैपुरा, हरिजन बस्ती, धीवर बस्ती, सूरसागर, चमेली बाग, ब्रह्मचारी मोहल्ला, गायवाला मोहल्ला, नवाबपुरा, ठाकरवाला कुआं, भैरू का चबूतरा, गुलाब बाग, रथखाना, राजाजी का बास, तंवर कॉलोनी, करोली कुण्ड, मेहंदी बाग, रामानंद नगर, हरदेव विहार, विवेकानंद नगर सेक्टर १,२,३,४ एवं मानसरोवर, कृषि भूमि पर बसी आबादी, शिवलाल पुरा, खदाना मोहल्ला, चाह पप्पू, केडलगंज, मरेठिया बास, कबीर कॉलोनी, लिसोडा वाला कुआ, इंदिरा कॉलोनी, अट्टा मंदिर रघुमार्ग, काला कुआं, नया बास, रामकुटीर कॉलोनी, नरूका कॉलोनी, मेहंदी बाग, मोती डूंगरी, दारूकूटा, बिलूची का कुआं, रत्ती का कुआं, सोनावा डूंगरी, मयूर विहार, भैरू बस्ती। शहर के ये क्षेत्र तो खुद जलदाय विभाग की नजर में पयेजल ग्रस्त हैं, इसके अलावा भी अनेक मोहल्ले व कॉलोनियों में पानी की समस्या है।
पेयजल समस्या के ये हैं कारण

जलदाय विभाग इन क्षेत्र में पानी की कमी का कारण नलकूप में पानी की आवक कम होना, सिंगलफेज नलकूप का सूख जाना, उच्च जलाशय से सप्लाई के अंतिम छोर पर होने से पानी नहीं पहुंचना, निजी स्रोत पर निर्भर होना, नलकूपों से पानी की आवक कम होने से पेयजल टंकी का नहीं भर पाना समस्या मानता रहा है।
टैंकर सप्लाई ही समस्या का निदान

जलदाय विभाग की नजर पेयजल संकट ग्रस्त इन क्षेत्रों में समस्या का निराकरण टैंकरों से पेयजल सप्लाई है। इसके अलावा नए नलकूपों का निर्माण या पेयजल टंकियों में अतिरिक्त पानी लाना है। लेकिन इस साल टैंकरों से पानी के परिवहन व्यवस्था अब तक सुचारू नहीं हो सकी है।

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