इस साल कक्षा दसवीं को छोडकऱ सभी कक्षाओं का परिणाम आ गया है। बोर्ड कक्षाओं को छोडकऱ सभी घरेलू कक्षाओं में विद्यार्थियों को क्रमोन्नत कर दिया गया है। ऐसे में विद्यार्थियों को अगली कक्षा की पढ़ाई की तैयारी करने के लिए किताबों की आवश्यकता है जो उनके पास नहीं है। सरकारी स्कूलों में शिक्षक तो आ रहे हैं लेकिन विद्यार्थी आ नहीं रहे हैं। ऐसे में घर में बैठकर विद्यार्थी बोर हो रहे हैं जिनके पास किताबें ही नहीं है। इस बार विद्यार्थियों की पढ़ाई कब से प्रारम्भ होगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
इस बारे में विद्यार्थियों का कहना है कि हमें किताबें घर तक पहुंचाने की व्यवस्था विद्यालय को करनी चाहिए या हमारे अभिभावकों को पुस्तकें उपलब्ध कराई जाए जिससे हम घर में बैठकर आगामी कक्षा की तैयारी कर सके। इस बारे में छात्रा आरती का कहना है कि हमारे स्कूल में कक्षा 12 वीं की किताब नहीं दी जा रही है जिससे हम आगामी कक्षा की तैयारी कैसे कर सकती हैं, इन दिनों घर में बैठकर हम आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं। इसी प्रकार अन्य छात्र व छात्राओं का कहना है कि हमें सरकार की ओर से मिलने वाली पुस्तक जल्दी दिलवाई जाए।
इधर, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी मुकेश किराड़ का कहना है कि बच्चों के स्कूल में प्रवेश के बाद आने पर ही दी जाती है। अब विद्यालय में बच्चों के नहीं आने पर कैसे वितरित की जाएगी, इसके लिए मार्गदर्शन मांगा है जिसके अनुसार काम किया जाएगा।