जानकारी के अनुसार दौसा जिले के महुआ निवासी पूनम साहू (24) पत्नी हरिओम साहू को करीब सात माह का गर्भ था। गुरुवार को पूनम अपने पति के साथ शहर के स्कीम-एक स्थित निजी अस्पताल में दिखाने आई। यहां चिकित्सक को दिखाने के बाद दम्पती वापस अपने गांव जाने के लिए अलवर बस स्टैण्ड पहुंचे। शौच आने पर पूनम अलवर आगार के समीप स्थित सुलभ कॉम्पलेक्स में शौच के लिए गई। शौच के दौरान ही उसके प्रसव हो गया और शिशु गटर में गिर गया। महिला के चिल्लाने पर उसका पति शौचालय के अंदर गया। घटना का पता लगते ही पति हरिओम ने बस स्टैण्ड पर शोर मचा दिया। आसपास के लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। लोगों ने तुरंत 108 एम्बुलेंस को फोन किया। रोडवेज की महिला कर्मियों ने शिशु को गटर से बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन शिशु बाहर नहीं निकल सका। कुछ ही मिनट में एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गई। एम्बुलेंसकर्मी और रोडवेज महिला कर्मियों ने शिशु को गटर से बाहर निकाला और तुरंत जनाना अस्पताल लेकर रवाना हो गए।
बच्चा पेट में ही मर चुका था जनाना अस्पताल के प्रभारी डॉ. श्याम बिहारी झारेड़ा का कहना है कि महिला पूनम साहू ने बुधवार को दौसा में ही चिकित्सक को दिखाया और सोनोग्राफी कराई। सोनोग्राफी देख चिकित्सक ने शिशु की पेट में ही मौत होना बताया। इसके बाद गुरुवार को पूनम अपने पति हरिओम के साथ अलवर के स्कीम-एक स्थित निजी अस्पताल में दिखाने आई। महिला चिकित्सक ने सोनोग्राफी के आधार पर बच्चे को मृत बताया, लेकिन महिला ये बात मानने को तैयार नहीं थी। चिकित्सक ने उसे संतुष्टि के लिए फिर से सोनोग्राफी कराने को कहा। इसके बाद पूनम अपने पति के साथ वहां से आ गई। बस स्टैण्ड पहुंचकर उसे प्रसव हो गया। प्रसूता फिलहाल जनाना अस्पताल में भर्ती है और पूरी तरह स्वस्थ है।
सोनोग्राफी में बच्चा मृत बताया उधर, निजी अस्पताल की महिला चिकित्सक डॉ. मिथलेश गर्ग का कहना है कि महिला को साढ़े पांच माह का गर्भ था। उसके पास दो सोनोग्राफी थी, जिसमें बुधवार को कराई सोनोग्राफी में बच्चा मृत बताया गया। गुरुवार को महिला उनके अस्पताल में दिखाने आई। सोनोग्राफी देखने के बाद जब उनके द्वारा बच्चे को मृत बताया गया तो महिला बच्चे को मृत मानने को तैयार नहीं थी और बोल रही थी कि उसका बच्चा पेट में घूम रहा है। उसे फिर से सोनोग्राफी कराने को कहा। इसके बाद महिला और उसका पति उनके अस्पताल से चले गए और फिर वापस नहीं आए।