दक्षिण हरियाणा की राजनीति करने वाले राव इंद्रजीत ने कुछ समय पहले झज्जर के गांव मुंडाहेड़ा में रैली के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की कार्यशैली पर सार्वजनिक मंच से सवाल उठाया था। राव इंद्रजीत ने मुंडाहेड़ा की रैली में ऐलान किया था कि वह एसवाईएल के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। राव को इस मामले में भाजपा सांसद धर्मवीर तथा रमेश कौशिक का भी साथ मिल गया।
जिसके चलते तीनों सांसद बकायदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय में गए और उनके एसवाईएल के मुद्दे पर समय मांगा। प्रधानमंत्री कार्यालय से आने के बाद राव इंद्रजीत ने बकायदा दावा किया था कि उन्होंने इस ममाले मेंं दुष्यंत चौटाला से भी बातचीत की है और सभी दस सांसदों को एसवाईएल का मुद्दा सुलझाने के लिए एक प्लेटफार्म पर आने का भी आह़वान किया था।
भाजपा सांसदों की इस तिकड़ी को अभी तक प्रधानमंत्री कार्यालय से मुलाकात के लिए समय नहीं मिल सका है। सूत्रों की मानें तो भाजपा नेतृत्व ऐसे नेताओं को ज्यादा त्वज्जो देने के पक्ष में नहीं है जो मुख्यमंत्री और शीर्ष नेतृत्व की कार्यशैली पर उंगली उठाते रहे हैं। माना जा रहा है कि राव इंद्रजीत सिंह दक्षिण हरियाणा में रैली करने के बाद एसवाईएल के मुद्दे पर सांसदों का नेतृत्व करने की तैयारी में है। ऐसे में अगर प्रधानमंत्री मोदी उक्त सांसदों से मुलाकात कर लेते हैं तो इसका बड़ा संदेश जाएगा। भाजपा हाईकमान ऐसा कोई संदेश नहीं देना चाहती है जिससे यह पता लगे कि पार्टी में समानांतर नेतृत्व खड़ा हो। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समय नहीं दिए जाने के मामले को लेकर तीनों सांसदों की फजीहत हो रही है।