मामला अम्बेडकर नगर जिले के नगर पालिका टांडा का है, जहां दूसरे चरण में होने वाले चुनाव के लिए किए जा रहे नामांकन में कांग्रेस से अजरा सुल्ताना टिकट मांग रही थीं, जिन्हें पार्टी ने टिकट दे भी दिया, लेकिन जब वे अपना नामांकन दाखिल करने छह नवम्बर को गईं तो कांग्रेस के बजाय बतौर निर्दल प्रत्याशी नामांकन दाखिल किया। इसकी जानकारी जब कांग्रेस जिलाध्यक्ष को हुई हड़कंप मच गया। जब पूछताछ हुई तो 7 नवम्बर को अंतिम दिन अजरा सुल्ताना ने फिर से एक और नामांकन पत्र दाखिल किया, लेकिन इस बार भी उन्होंने निर्दल के रूप में पर्चा भरा।
पूर्व मे नगर पालिका अध्यक्ष रह चुकी हैं अजरा निर्दल प्रत्यासी के रूप में अपना नामांकन करने वालीं अजरा सुल्ताना पूर्व में 1997 में नगर पालिका टांडा की अध्यक्ष चुनी गई थीं। उसके बाद से दोबारा हुए चुनाव में उन्होंने कभी जीत हासिल नहीं की। एक बार ये कांग्रेस से लोकसभा का चुनाव भी अकबरपुर सीट से लड़ चुकी हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार नगर पालिका चुनाव में वे फिर से भाग्य आजमाने के लिए मैदान में उतरीं, लेकिन कांग्रेस की हालत पतली देख पाला बदल लिया और बतौर निर्दल नामांकन भरा।
कांग्रेस के नेता अब दे रहें सफाई उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की हालत किसी से छिपी नहीं है। पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया, जिसके बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी लगातार पार्टी को बचाने के लिए दौरे कर रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस को बचाने के लिए राज बब्बर जैसे सेलिब्रिटी और गुलाम नबी जैसे धुरंधर राजनीतिज्ञों को मैदान में उतारा गया है, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव होता दिखाई नहीं पड़ रहा है। शायद इसी वजह से अजर सुल्ताना ने कांग्रेस से चुनाव लडऩे के बजाय निर्दल लडऩा ज्यादा मुनासिब समझा।
पार्टी से निष्कासित किया जाएगा अम्बेडकर नगर में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मेराजुद्दीन किछौछवी अजरा सुल्ताना के इस कदम को पार्टी को धोखा देनेवाला बता रहे हैं। पत्रिका से बातचीत करते हुए उन्होंने कहाकि उन्हें अगर कांग्रेस से चुनाव नहीं लडऩा था तो टिकट क्यों मांगा और अंतिम समय पर निर्दल नामांकन कराकर पार्टी के साथ धोखा किया है, जिसके कारण उन्हें जल्द ही पार्टी से निष्कासित किया जाएगा।