जिस तरह से दी दिन पहले सीएम योगी ने एक बड़ी जनसभा कर मूल रूप से बसपा का गढ़ समझे जाने वाले जलालपुर विधानसभा क्षेत्र में सपा और बसपा को कड़ी टक्कर देने के उद्देश्य से करोड़ों रुपये की सौगात दी थी, उससे यहां का मुकाबला और दिलचस्प होना नजर आ रहा है। हालांकि बसपा ने यहां से डॉ. छाया वर्मा को मैदान में उतार कर भाजपा और सपा दोनों अचंभित कर दिया है। छाया वर्मा पेशे से डॉक्टर जरूर हैं, लेकिन उनकी परवरिश शुद्ध रूप से राजनीतिक परिवेश में हुई है। बसपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री लालजी वर्मा की पुत्री डॉ छाया वर्मा 2017 के चुनाव में अपने पिता लालजी वर्मा की चुनाव कमान सम्हाल चुकी हैं।
बसपा का गढ़ बन चुका है जलालपुर दलित, पिछड़ी जाति और मुस्लिम मतदातों की संख्या इस क्षेत्र में सबसे अधिक है और इनमे से अधिकांश मतदाता कई बार बसपा के पक्ष में मतदान करके उसकी नैया पार करा चुके हैं। बसपा से चुनाव जीत कर विधायक बने रितेश पांडेय 2019 के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सांसद बन गए और यह सीट खाली हुई है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड बहुमत के बावजूद इस विधानसभा क्षेत्र बसपा को अच्छे मतो से बढ़त मिली थी, लेकिन भाजपा के इस लहर में बसपा कोई खतरा लेने के वजह अपने वजूद को बचाने में बसपा भी अब एक बार फिर जी तोड़ मेहनत शुरू कर दी है।
जनसभा में हुआ शामिल हुए बड़े दिग्गज जिस तरह से भाजपा की जनसभा में उमड़ी भीड़ ने दो दिन पहले जलालपुर में चुनाव पारे को गर्म दिया रहा उसको देखते हुए बसपा भी कोई कसर नही छोड़ना चाहती हूं और इसी कारण बसपा की तरफ से एक विशाल जनसभा कर अपने शक्ति का पर्दशन किया गया , जिसने बसपा में राष्ट्रीय महासचिव रामअचल राजभर सहित कई बड़े दिग्गज शामिल रहे।
लोगों के बीच जमकर बोलीं डॉ छाया
बसपा प्रत्याशी डॉ छाया वर्मा बसपा सरकार प्रत्याशी बनने की घोषणा होने के बाद पहली बार मंच सम्भालते हुए एक कुशल राजनीतिज्ञ की तरह जहां भाजपा पर हमला बोला, वहीं इस चुनाव में विजयी होने पर अपने कार्यों की रूपरेखा भी जनता के सामने रखी। डॉ छाया वर्मा ने कहा कि मैं वगैर किसी जाति ,धर्म के सब लोगों के साथ मिलकर आप के साथ कार्य करूंगी,और आम जनता की आवाज विधानसभा में बुलन्द करूंगी।