बीते सोमवार को तहसील टांडा के अधिवक्ता दिलीप मांझी अपने कार्य से उपजिलाधिकारी के कार्यालय में राजस्व अहलमद अरविंद चौधरी के पटल पर गए थे, जहां उनसे राजस्व अहलमद से कहा सुनी शुरू हो गई। विवाद इतना बढ़ा कि मौके पर तहसीलदार और दर्जनों अधिवक्ता और कर्मचारी पहुंच कर दोनों पक्षों को अलग किया और मामला शांत हुआ।
अधिवक्ता कर्मचारी विवाद में दोनों पक्षों से दी गई थी तहरीर
अधिवक्ता दिलीप मांझी और कर्मचारी अरविंद चौधरी के बीच विवाद के बाद दोनों पक्षों की तरफ से कोतवाली टांडा में तहरीर दी गई थी, लेकिन पुलिस ने एक तरफा कार्यवाही करते हुए अधिवक्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया, हालांकि कोतवाली पुलिस अधिवक्ता की तरफ से किसी तरह की तहरीर मिलने से इनकार कर रही है।
सुलह समझौते के प्रयास शुरू
तहसील में अधिवक्ता और कर्मचारी के बीच विवाद का यह कोई पहला मामला नहीं है, लेकिन किसी विवाद में यह पहली बार हुआ है। जब मुकदमा दर्ज कराया गया है। अधिवक्ता संघ टांडा के अध्यक्ष जावेद सिद्दीकी ने बताया कि किसी गलतफहमी में दोनों पक्षों में विवाद बढ़ा और मामला एफआईआर तक जा पहुंची है। उन्होंने कहाकि सबको मिलकर काम करना है, इसलिए आपस मे मिल बैठकर सुलह समझौता हो जाना चाहिए। उन्हीने बताया कि इसके लिए प्रयास जारी है।