मामला कोतवाली टांडा क्षेत्र के मौहरिया गांव का है, जहां दो गरीब युवकों के खिलाफ गांव के ही एक व्यक्ति सुनील कुमार वर्मा ने आरोप लगाया कि दोनों युवकों ने उसका एक बोरी गेंहू चोरी कर लिया है और इसी बात पर दोनों युवकों को उनके घरों से खींचकर पहले उन्हें निर्वस्त्र किया और फिर रस्सी से बाँध कर पीटते हुए पूरे गांव में घुमाया। युवकों के परिजन लगातार उन्हें छोड़ने के लिए दबंगों के सामने गिड़गिड़ाते रहे और लोगों से मदद की भी गुहार करते रहे, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। फोटो खुद ही इस कहानी को बयां कर रहे हैं, जिसमे साफ़ तौर पर दर्जनों लोग नजर आ रहे हैं।
पुलिस का शर्मनाक चेहरा आया सामने
दबंगों ने पकड़े इन दोनों युवकों को बांध कर पीटने के बाद पुलिस को भी सूचना देकर बुलवा लिया और अपने गेंहू की चोरी की कहानी बता कर इन युवकों को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस भी बिना कोई मुकदमा दर्ज किये ही इन आरोपियों को लाकर लॉकप में ठूंस दिया। पुलिस के होश उस समय उड़ गए जब निर्वस्त्र पिटाई का यह फोटो वायरल हो गया। आनन-फानन में पुलिस ने पहले तो पीटे गए युवकों की मां को रविवार की रात में घर से बुलवाया और एक मनगढ़ंत तहरीर लेकर दबंगों के खिलाफ हलकी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दोनों युवकों को रात के दो बजे छोड़ दिया और तीन दबंगों को पकड़ लाई, जिन्हें बाद में शांति भंग के आरोप में एसडीएम के न्यायालय में चालान कर दिया और वहां से तीनों छूट गए।
माब लिंचिंगका मामला दबाने की पूरी कोशिश आई सामने
जिस तरह से दबंगों ने दोनों युवकों पर अत्याचार किया था और उनका साथ देने वालों के साथ साथ गांव के बहुत से लोग इस घटना में शामिल नजर आये उसको लेकर पुलिस को बड़ी कार्रवाई करते हुए सभी पर कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन पुलिस ने इस घटना को हल्का करने के लिए केवल तीन लोगों को नामजद और एक अन्य अज्ञात को आरोपी बनाकर मामला दबा दिया। जिस तरह का मुकदमा एक पीड़ित की माँ की तरफ से पुलिस ने लिखा है, उससे तो साफ़ पता चलता है कि पुलिस ने जानबूझ कर इस मामले में कम लोगों का नाम लिखवाकर कुछ दबंग को बचाने का प्रयास कर रही है । मौके पर पहुंचे जिले के अपर पुलिस उपाधीक्षक ने बताया की किसी भी ब्यक्ति को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है । चोरी के इलजाम में बांध कर पीटने वालो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, तीन को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है ।