ऐसे शुरू हुआ हीरालाल का राजनीतिक सफर सपा नेता और विधानपरिषद सदस्य हीरालाल यादव को एक बार फिर से सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश के अनुमोदन के बाद प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने जिलाध्यक्ष मनोनीत किया है। पिछली कार्यकारिणी में भी हीरालाल यादव अध्यक्ष रहे और पुनः इस जिले कमान उन्ही को सौंपी गई है। हीरालाल यादव का राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरू हुआ था। सामान्य परिवार के हीरालाल यादव सबसे पहले टीएनपीजी कॉलेज टांडा में 1986-87 में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए और उसके बाद मुलायम सिंह के नेतृत्व में आस्था व्यक्त करते हुए उनकी पार्टी में लगातार सेवा करते रहे। अम्बेडकर नगर जिले के गठन से पहले फैज़ाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी हथियाकर उन्हीने तहलका मचा दिया था। बाद में अम्बेडकर नगर जिले के गठन किये जाने के बाद लगातार सक्रियता से पार्टी को एक मजबूत संगठन देने में हीरालाल का कोई सानी नहीं रहा। जातीय समीकरणों के कारण भी हीरालाल इस जिले के सपा कार्यकर्ताओं की पहली पसंद माने जाते हैं।
जब पिछले लोकसभा चुनाव में कट गया था टिकट 2014 के पिछले लोकसभा चुनाव में पहले हीरालाल यादव को सपा का प्रत्यासी घोषित किया गया था, लेकिन कुछ राजनीतिक विरोध के चलते सपा ने आखिरी समय मे हीरालाल का टिकट काट कर राम मूर्ति वर्मा को मैदान में उतारा था। राममूर्ति वर्मा लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त कहा गए और यहां से पहली बार भाजपा अपने प्रत्यासी डॉ. हरिओम पांडेय को जिताने में कामयाब हुई।
माना यह जा रहा है कि सपा इस बार लोकसभा चुनाव में किसी तरह का खतरा मोल नही लेना चाह रही है और भाजपा से यह सीट वापस लेने के लिए सबसे ज्यादा भरोसा हीरालाल यादव पर करते हुए उन्हें एक बार फिर जिलाध्यक्ष की कुर्सी सौंपी है। जिले के दिग्गज और प्रदेश की राजनीति में बड़े चेहरे के रूप जाने जाने वाले अहमद हसन, राममूर्ति वर्मा और शंखलाल माझी ने हीरालाल को अध्यक्ष चुने जाने पर खुशी जाहिर करते हुए बधाई दी है।