रावण ने श्री राम से मित्रता की बात कही, जिस पर भगवान शिव ने कहा कि श्री राम से तुम्हारी मित्रता नहीं होगी। वहीं रावण के बढ़ते अत्याचार के कारण देवता गण भगवान विष्णु की आराधना करते हैं। तब भगवान प्रगट हो कर यह कहते हैं कि मैं अयोध्या में नर रूप में प्रगट हो कर पृथ्वी को आतताइयों से मुक्त कराऊंगा। बुराई पर अच्छाई की जीत अवश्य होगी, लीला का पहला दिन दर्शकों को यही संदेश देता है।
मंचन से दर्शकों में उत्साह अम्बेडकर नगर अयोध्या नगरी का ही हिस्सा माना जाता है, जिसमे टांडा को अयोध्या के पूर्वी द्वार के रूप में देखा जाता है। सरयू नदी के पावन तट पर स्थित टांडा मेंं भगवान्म राम के प्रति लोगों में आगाध आस्था है और आज भी आधुनिकता के इस समय में यह रामलीला उतना ही प्रासंगिक है, जितना तब हुआ करती थी, जब मनोरंजन के कोई और साधन नहीं थे। आज भी लोग पूरी रात बड़ी भक्ति और आस्था के साथ रामलीला देखते हैं। प्रथम दिवस के अवसर पर दर्शकों की काफी भीड़ रही और स्थानीय कलाकारों के मंचन से लोग भावविभोर होकर पूरी रात रामलीला का रसास्वादन करते रहे। मंचन कार्य की सफलता में बजरंगी लाल सोनी, राकेश मिश्र, अनिरुद्ध अग्रवाल, दिलीप मोदनवाल, सलिल अग्रवाल, काशी मिश्रा, आकाश शाह आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।