scriptरामलीला देख भावविभोर हो गए दर्शक | Ramleela started on historical Ram Rang Manch | Patrika News
अम्बेडकर नगर

रामलीला देख भावविभोर हो गए दर्शक

…तब भगवान प्रगट हो कर यह कहते हैं कि मैं अयोध्या में नर रूप में प्रगट हो कर पृथ्वी को आतताइयों से मुक्त कराऊंगा।

अम्बेडकर नगरSep 22, 2017 / 07:35 pm

Ashish Pandey

RAVAN KO VARDAN DETE BRAMHA JI

RAVAN KO VARDAN DETE BRAMHA JI

अम्बेडकर नगर. जिले की ऐतिहासिक राम लीला श्री राम रंग मंच पर शारदीय नवरात्रि शुरू होते ही राम लीला के मंचन का कार्यक्रम भी शुरू हो गया। टांडा के चौक में स्थित यह रामलीला समिति लगभग ढाई सौ साल पुरानी संस्था बताई जाती है, जहाँ भगवान श्रीराम की जीवन लीला पर आधारित समस्त घटना क्रम को दस दिनों के अंदर पूर्ण रूप से दिखाया जाता है। प्रथम दिवस पर आयोजित राम लीला मंचन राम जन्म एवं रावण तपस्या के प्रसंग का मंचन स्थानीय कलाकारों द्वारा श्री राम रंग मंच पर किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार के साथ परम्परागत पूजन अर्चन से प्रारम्भ हुआ।
श्री राम लीला मंच पर राम जन्म एवं रावण तपस्यारत रहता है। रावण, कुंभकर्ण, विभीषण ब्रह्मा से वरदान प्राप्त करते हैं, जिसके कारण रावण अपने आप को अमर समझने लगता है। तब ब्रह्मा जी उसे स्वयं समझाते हैं और भगवान शिव की तपस्या करने को कहते हैं। उसी समय रावण शिव जी की तपस्या करने लगता है और भोले शिव को प्रसन्न करने के लिए अपने सिरों को यज्ञकुंड में आहूत देकर उनकी पूजा करता है। तब भगवान शिव प्रगट होकर उसे वरदान देते हैं और यह भी बताते हैं कि अयोध्यापति श्री राम तुझे देगें अंतिम विश्राम।
रावण ने श्री राम से मित्रता की बात कही, जिस पर भगवान शिव ने कहा कि श्री राम से तुम्हारी मित्रता नहीं होगी। वहीं रावण के बढ़ते अत्याचार के कारण देवता गण भगवान विष्णु की आराधना करते हैं। तब भगवान प्रगट हो कर यह कहते हैं कि मैं अयोध्या में नर रूप में प्रगट हो कर पृथ्वी को आतताइयों से मुक्त कराऊंगा। बुराई पर अच्छाई की जीत अवश्य होगी, लीला का पहला दिन दर्शकों को यही संदेश देता है।
मंचन से दर्शकों में उत्साह

अम्बेडकर नगर अयोध्या नगरी का ही हिस्सा माना जाता है, जिसमे टांडा को अयोध्या के पूर्वी द्वार के रूप में देखा जाता है। सरयू नदी के पावन तट पर स्थित टांडा मेंं भगवान्म राम के प्रति लोगों में आगाध आस्था है और आज भी आधुनिकता के इस समय में यह रामलीला उतना ही प्रासंगिक है, जितना तब हुआ करती थी, जब मनोरंजन के कोई और साधन नहीं थे। आज भी लोग पूरी रात बड़ी भक्ति और आस्था के साथ रामलीला देखते हैं। प्रथम दिवस के अवसर पर दर्शकों की काफी भीड़ रही और स्थानीय कलाकारों के मंचन से लोग भावविभोर होकर पूरी रात रामलीला का रसास्वादन करते रहे। मंचन कार्य की सफलता में बजरंगी लाल सोनी, राकेश मिश्र, अनिरुद्ध अग्रवाल, दिलीप मोदनवाल, सलिल अग्रवाल, काशी मिश्रा, आकाश शाह आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो