scriptरावण के लाइव एनकाउंटर में भगवान् राम ने ऐसे किया वध | Ravan and Ram fight in Dussehra in Ambedkar Nagar | Patrika News
अम्बेडकर नगर

रावण के लाइव एनकाउंटर में भगवान् राम ने ऐसे किया वध

असत्य पर सत्य की और अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक स्वरूप विजय दशमी का त्यौहार जिले में बड़ी धूम धाम से मनाया गया.

अम्बेडकर नगरSep 30, 2017 / 09:54 pm

Abhishek Gupta

Ravan

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अम्बेडकर नगर. असत्य पर सत्य की और अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक स्वरूप विजय दशमी का त्यौहार जिले में बड़ी धूम धाम से मनाया गया | जिले के टांडा में ऐतिहासिक श्री राम कृष्ण लीला समिति की तरफ से आयोजित विजय दशमी के मेले में हजारों लोगों की भीड़ के बीच भगवान् राम ने रावण का संहार कर सीता जी को उनके कब्जे से मुक्त कराया |
टांडा के रेलवे ग्राउंड पर सालों से आयोजित होने वाले दशहरे के मेले में आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों और टांडा शहर क्षेत्र के हजारों लोगों की भीड़ दोपहर से ही जुटना शुरू हो गई थी | लोग बड़े ही धैर्य के साथ लंकापति रावण के दहन का दृश्य देखने को आतुर दिखाई पड़ रहे थे | शाम होते होते मैदान में रावण और मेघनाथ के लगभग तीस फीट ऊँचे पुतले को लाया गया | दूसरी तरफ से भगवान् श्री राम भैया लक्ष्मण और वानरी सेना के साथ मैदान में पहुँच गए | फिर शुरू हुआ दोनों दलों के बीच भयंकर युद्ध और इस प्रतीकात्मक युद्ध में दर्शकों की तरफ से लगातार जय श्रीराम के नारे लगाकर राम की सेना का उत्साह वर्धन किया जाता रहा | वहीँ दूसरी तरफ रावण की सेना की तरफ से भी रावण के जयकारे लगाए जा रहे थे | फिर शुरू हुआ पहले लक्ष्मण और मेघनाथ के बीच युद्ध, जिसमे लक्ष्मण को शक्ति वाण लगने से वे मूर्छित हो गए इसी बीच हनुमान जी शुसेन वैद्य को उठाकर ले आये और उनके बाटने के अनुसार हनुमान जी संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण की मूर्छा दूर की गई, जिसके बाद एक बार फिर लक्ष्मण और मेघनाथ के बीच युद्ध शुरू हुआ और मेघनाथ मारा गया |
रावण के वध पर जय जयकार कर उठे लोग-
मेघनाथ की मृत्यु के बाद इस प्रतीकात्मक लड़ाई में रावण मैदान में उतरा, जहाँ उसका सामना श्री राम से हुआ और इस लड़ाई में रावण हार मानने को तैयार नहीं था, लेकिन विभीषण के बताने के अनुसार भगवान् राम ने उसके नाभि को निशाना लगाकर जब तीर चलाया तो उसी समय रावण जमीन पर गिर गया | रावण के युद्ध करने तक तो दर्शक इन्तेजार करते रहे, लेकिन जैसे ही रावण धरती पर गिरा, लोगों का सब्र जवाब दे दिया और लोग मैदान में उतर कर रावण और मेघनाथ के पुतले पर टूट पड़े | इसी बीच आतिशबाजी शुरू हो गई और इसी आतिशबाजी में रावन और मेघनाथ के पुतले धू धू कर जलने लगे | बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन होता देख लोग हर्ष से भाव विभोर हो गए | इस दृश्य को देख कर तो ऐसा लग रहा था मानो लोगों ने बुराई पर विजय प्राप्त कर ली हो और लोगों को इससे काफी आत्म संतुष्टि मिली हो |
युद्ध का लाइव कमेंट्री से लोग हंसने पर हुए मजबूर-
दर्शकों की अपार भीड़ के बीच राम और रावण के युद्ध का श्री रामलीला समिति की तरफ से लाइव कमेंट्री का भी इंतजाम किया गया था, जिसमे लाइव कमेंट्री कर रहे रामलीला समिति के निर्देशक राम सूरत मौर्य ने घटनाक्रम के अनुसार लोगों को विस्तार से बताते रहे, जो लोगों को काफी आकर्षित करती रही | इसके बाद जब युद्ध में रावण और मेघनाथ युद्ध में कमजोर पड़ने लगे तो उस समय बड़े ही मार्मिक ढंग से रावण के परिवार की महिलाओं के करूँ क्रन्दन भी लोगों को हंसं पर मजबूर करता रहा |
फिलहाल इस साल बुराई पर अच्छाई की और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक दशहरा का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ समाप्त हुआ और लोग एक बार फिर दस दिन के इस त्यौहार की यादों को अपने मन में संजोये वापस अपने घरों को इस उम्मीद के साथ लौट गए कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान् श्री राम के व्यक्तित्व के अनुसार लोग अपने जीवन को भी एक आदर्श के रूप में स्थापित करेंगे और बुराई से बचने का प्रयास करेंगे |
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