इस पवित्र धर्म स्थली पर आयोजित इस वर्ष के मेले में इंतजाम के लिए पूरा जिले प्रशासन के साथ तहसील प्रशासन और जिला पंचायत जुटा हुआ है। लोगों की सुविधाओं के लिए यहां अस्थाई तौर पर एक पुलिस स्टेशन की भी स्थापना की गई है। इसके अलावा पूरे जिले से अतिरिक्त पुलिस और सुरक्षा बलों की भी तैनाती की गई है। इतनी जबरदस्त व्यवस्था के बाद भी जिस तरह की तस्वीरें मेले में मनोरंजन के लिए लगाए गए हैं व थियेटरों में जिस तरह अश्लीलता परोसी जा रही है, उससे तो यही लगता है कि यह सब कुछ प्रशासन की देखरेख में चल रहा है। वह भी तब जब इस जिले की सुरक्षा की कमान पुलिस अधीक्षक के रूप में महिला अधिकारी शालिनी के हाथों में हैं।
बाबा गोविंद साहब की तपोस्थली पर आयोजित इस मेले में दिन भर तो श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। बाबा की मठ पर सरोवर में स्नान कर लोग खिचड़ी चढ़ाते हैं, लेकिन रात होते ही यहां का नजारा रंगीन हो जाता है और शुरू हो जाता है शराब और शवाब का दौर। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मनोरंजन के लिए जिला प्रशासन ने कई तरह की स्वीकृति दे रखी हैं, जिनमे दो थियेटर भी हैं। इन्हीं थियेटरों में रात में जिस तरह की अश्लीलता परोसी जा रही है, वह किसी B ग्रेड की फ़िल्म को भी मात देने वाला है। जिस समय यहां शो में अश्लीलता के नाम पर महिला कलाकारों का नग्न प्रदर्शन शुरू होता है, उस समय दर्शकों में अधिकांश लोग शराब के नशे में धुत होकर न सिर्फ हुड़दंग मचाते हुए देखे जा सकते हैं, बल्कि यहां अराजक तत्वों और अपराधियों का भी जमावड़ा बड़ी संख्या में देखने को मिलता है। निश्चित तौर पर इस तरह से धार्मिक स्थल पर किये जा रहे आयोजन में परोसी जा रही अश्लीलता के लिए जिला और तहसील प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस पर क्या कार्यवाही करती है।