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अम्बेडकर नगर

शौंचालय निर्माण में एक और बड़ा घोटाला, महिला प्रधान ने हड़प लिए लाखों रूपये

स्वच्छ भारत अभियान के जरिये खुले में शौंच मुक्त भारत को लगातार असफलता का मुंह देखना पड़ रहा है।

अम्बेडकर नगरSep 04, 2017 / 03:03 pm

आकांक्षा सिंह

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अम्बेडकर नगर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के जरिये खुले में शौंच मुक्त भारत को लगातार असफलता का मुंह देखना पड़ रहा है। विकास खंड टांडा के ग्राम पंचायत अवसान पुर, भड्सारी के बाद अब इसी विकास खंड टांडा के भरहा ग्राम पंचायत की पूर्व महिला ग्राम प्रधान द्वारा ग्राम सचिव के साथ मिली भगत करके लाखों रूपये का गबन कर लिया गया है।

ग्रामीणों ने इसकी शिकायत तहसील दिवस से लेकर मुख्यमंत्री तक से की, जिसमे जांच में सरकारी धन के दुरूपयोग का मामला सही पाए जाने के बाद जिलाधिकारी ने दोषी ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है, लेकिन तत्कालीन प्रधान के प्रभावशाली होने के कारण अभी तक मुकदमा नहीं दर्ज किया जा सका है।

सत्र 2014-15 के बजट में टांडा विकास खंड क्षेत्र के भरहा ग्राम पंचायत में सात सौ से अधिक शौंचालयों का निर्माण तो किया जाना था, लेकिन ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव ने जिस तरह से इसमें बड़ा घोटाला करते हुए सभी शौंचालयों को पूर्ण दिखाते हुए पूरी धनराशि हड़प ली है। वह पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। अब ग्रामीणों की तरफ से इसकी शिकायत पर जांच में सरकारी धन के हड़पने का खुलासा होने के बाद दोषियों पर मुकदमा दर्ज कराकर वसूली का आदेश तो जिलाधिकारी ने दे दिया है, लेकिन लोगों को अभी भी इस बात की शंका है कि पूरे मामले में लीपापोती करके समाप्त कर दिया जाएगा। क्योंकि लोगों ने बताया कि तत्कालीन प्रधान सीमा सिंह जिले के एक बड़े सत्ता पार्टी के नेता की रिश्तेदार हैं।

सपा सरकार में किये गए घोटाले में मौजूदा सरकार डाल रही है पर्दा


प्रदेश में पूर्व की समाजवादी पार्टी की सरकार में अम्बेडकर नगर जिले में कई ग्राम पंचायतों में बड़े घोटाले का मामला सामने आया, जिसमे अवसान पुर और भड्सारी ग्राम पंचायत में घोटाले के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दोषी ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है। 2014-15 के बजट में टांडा विकास खंड के भरहा ग्राम पंचायत में कुल 704 शौंचालयों के निर्माण के लिए लगभग 85 लाख रूपये सरकार ने दिए थे, लेकिन तत्कालीन प्रधान ने बिना शौंचालय निर्माण का कार्य पूर्ण कराये ही सभी को पूर्ण दिखाते हुए पूरी धनराशि बैंक खाते से निकाल ली। दोषियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश जिलाधिकारी ने दिया है।

शिकायत कर्ता रामजीत वर्मा का आरोप है कि जांच में 519 शौंचालय को पूर्ण दिखाया गया है और 190 नहीं बनवाया जाना बताया गया है, जबकि गांव के सारे शौंचालय अपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी पूर्व प्रधान के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। इतना ही नहीं वर्तमान में पूर्व प्रधान सीमा सिंह को 95 शौंचालयों के निर्माण के लिए फिर से आदेश दे दिया गया है, जबकि वह अब प्रधान नहीं हैं। यह गोरखधंधा उनके प्रभाव के कारण जिला पंचायत राज अधिकारी के जरिये किया गया है।


इसके अलावा भी अब सीमा सिंह द्वारा जिन शौंचालयों का निर्माण कराया जा रहा है। वह भरहा ग्राम पंचायत में नहीं बल्कि बलया जगदीश पुर ग्राम पंचायत में हो रहा है, जो भरहा से अलग होकर नई ग्राम पंचायत बनी है। वर्तमान ग्राम प्रधान अशोक वर्मा ने भी आरोप लगाते हुए बताया कि उनके ग्राम पंचायत में पूर्व में जो 704 शौंचालय बनने थे, उसमें जितना बनाया गया वे सभी आधे अधूरे निर्माण हैं और शेष जो नहीं बनाया गया उसकी धनराशि हड़प ली गई है।


शौंचालय में किये गए बड़े स्तर के घोटाले के मामले में गांव की महिलाओं का कहना है कि शौंचालय का कार्य पूर्व प्रधान द्वारा पूरा नहीं किया गया। कहीं दीवाल खड़ी करके छोड़ दी गई तो कहीं गड्ढा खोद कर दिया गया। इसके अलावा किसी भी शौंचालय पर छत तक नहीं बनाई गई है।इन महिलाओं का कहना है कि मजबूरन घर की बहु बेटियों को खुले में शौंच के लिए जाना पड़ता है, जिससे हमेशा खतरा बना रहता है।

गांव की बहु बेटियां मजबूर हैं खुले में शौंच के लिए-

भरहा ग्राम पंचायत की दशा बेहद चिंता जनक है। इस गांव की अधिकांश आबादी दलित और पिछड़े समुदाय की है, जहां अधिकांश लोग छप्परों और कच्चे खपरैले मकान में ही जीवन गुजारते हैं। गांव में जाकर जब स्वच्छता अभियान का जायजा लिया गया तो चौकाने वाले तथ्य सामने आये। जिस गांव में सात सौ से अधिक शौंचालय बनने थे, दरसल उस गांव में तो इतने परिवार ही नहीं हैं। जब इसकी सच्चाई का पता लगाया गया तो पता चला कि प्रधान ने सचिव के साथ मिलकर एक एक घर में ही पांच पांच शौंचालय दे दिया था। शौंचालयों का निर्माण भी शुरू करा दिया गया, लेकिन अधिकांश शौंचालयों की दीवाल उठाकर छोड़ दी गई है। उस पर प्लास्टर तक नहीं किया गया। किसी भी शौंचालय का गड्ढा नहीं पूरा बनाया गया। ऊपर से किसी भी शौंचालय की छत तक नहीं बनाई गई है।


गांव की सभी बूढ़े बुजुर्ग, महिलाओं और बहु बेटियों तक को खुले में शौंच के लिए जाने को मजबूर होना पड़ता है। गांव की महिलायें आरोप लगाते हुए कहती हैं कि पूर्व प्रधान के सीमा सिंह के पति अखिलेश सिंह ने भ्रष्टाचार का काम करके शौंचालय नहीं पूरा किया, जिसकी वजह से उन लोगों को खुले में शौंच के लिए जाना पड़ता है और इस बरसात के मौसम में हरदम खतरा बना रहता है।भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके भरहा ग्राम पंचायत के शौंचालयों के बारे में जिलाधिकारी ने कहाकि जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद आरोपी प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव क खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया जा चुका है।| उन्होंने कहाकि कि दोषियों से दुरूपयोग किये गए पैसों की रिकवरी और शौंचालय के निर्माण का कार्य भी पूर्ण कराया जाएगा।

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