मामला पंचायत तक पहुंच गया और पंचायत ने महिला को सजा सुना दी। इस बात से गुस्साई महिला ने पड़ोस की किशोरी पर मिट्टीतेल डालकर जिंदा जला दिया। आग से बुरी तरह झुलसी पीडि़ता की इलाज के दौरान अंबिकापुर के अस्पताल में 11 जनवरी की रात मौत हो गई।
घटना खडग़वां थाना क्षेत्र के ग्राम सलका की है। गायत्री पिता भगवान सिंह 17 वर्ष अपने दादा-दादी के साथ ग्राम सलका में रहती थी। कुछ दिनों पहले किशोरी का विवाद पड़ोस में रहने वाली एक महिला हिरमनिया बाई से हो गया। दरअसल महिला अपने मवेशियों को चरने के लिए किशोरी के खेत में छोड़ दिया करती थी।
वहीं 4 जनवरी को मवेशी किशोरी के खेत में चर रहे थे। जब किशोरी की नजर मवेशियों पर पड़ी तो वह उन्हे भगाने के लिए खेत चली गई। इसी बीच महिला भी खेत पहुंच गई। यहां दोनों के बीच जमकर विवाद हुई और विवाद इतना बढ़ गया कि मामला पंचायत तक पहुंच गया। इसके बाद पंचायत ने मामला सुलझाने के लिए बैठक बुलाई।
किशोरी और महिला की दलील सुनने के बाद पंचायत ने महिला को दोषी पाया। वहीं पंचायत ने महिला को सजा के तौर पर मवेशियों द्वारा खायी गई फसल का हर्जाना किशोरी को देने को कहा। पंचायत का फैसला सुनने के बाद महिला और गुस्सा हो गई। गुस्से में महिला ने किशोरी से बदला लेने की ठान ली।
किशोरी के घर जाकर दिया वारदात को अंजाम
8 जनवरी को को महिला किशोरी के घर गई। इस दौरान घर पर किशोरी के अलावा कोई भी मौजूद नहीं था। किशोरी रसोई के बगल वाले कमरे में रो रही थी। महिला ने मौके का फायदा उठाया और किशोरी पर मिट्टीतेल छिड़क कर माचिस से आई लगा दी। किशोरी जब तक अपने आप को संभाल पाती वह बुरी तरह आग से झुलस चुकी थी। इधर महिला घटना को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गई।
चिल्लाने की आवाज सुनकर पहुंचे पड़ोसी
आग से जल रही किशोरी की चीख सुनकर आस-पड़ोस के लोगों की भीड़ इक_ी हो गई। इसके बाद पड़ोसी किशोरी को इलाज के लिए पास के एक अस्पताल लेकर गये। उसकी गंभीर हालत देख डॉक्टरों ने उसे अंबिकापुर रेफर कर दिया।
परिजन द्वारा पीडि़ता को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान उसकी शुक्रवार की रात मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया है।