scriptवनवास काल में जिस मार्ग पर चले थे भगवान राम-लक्ष्मण व माता सीता, उस पर लगाएं जाएंगे 3600 पौधे | 3600 plant will be planted on the path of Ram Van gaman | Patrika News
अंबिकापुर

वनवास काल में जिस मार्ग पर चले थे भगवान राम-लक्ष्मण व माता सीता, उस पर लगाएं जाएंगे 3600 पौधे

Ram Van Gaman path: राम वन गमन पथ को पर्यटन सर्किट के रूप में किया जा रहा है विकसित, पौधों को सुरक्षित रखने समूह की महिलाएं बना रहीं ट्री-गार्ड

अंबिकापुरJul 01, 2020 / 10:31 pm

rampravesh vishwakarma

वनवास काल में जिस मार्ग पर चले थे भगवान राम-लक्ष्मण व माता सीता, उस पर लगाएं जाएंगे 3600 पौधे

Tree guard

अंबिकापुर। राज्य शासन द्वारा राम वन गमन परिपथ (Ram Van Gaman path) पर ऐसे स्थलों का चिन्हांकन किया गया है जहां से भगवान श्रीराम अपने वनवास काल के दौरान गुजरे थे। ऐसे स्थानों का चयन कर राम वन गमन परिपथ को एक पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है।
सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखण्ड स्थित रामगढ़ की पहाड़ी एवं महेशपुर को राम वनगमन परिपथ में शामिल किया गया है जिससे पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा। कलक्टर संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन में तथा जिला पंचायत के सीईओ कुलदीप शर्मा के नेतृत्व में राम वनगमन पथ में सघन पौधरोपण की तैयारी की जा रही है।
पथ में करीब 3 हजार 600 पौधे रोपे जाएंगे। उदयपुर विकासखंड में रामवन गमन अंतर्गत 5 कार्यो की स्वीकृति महात्मा गांधी नरेगा से प्रदान की गई है। (Ram Van Gaman path)

इसमे 10:25 किमी में 40.35 लाख रूपए में 3600 पौधे रोपे जाएंगे। इन कार्यों में ग्राम पंचायत पुटा में उदयपुर से रामनगर केदमा मार्ग में 3 किमी में 1200 पौधे, ग्राम पंचायत शानीबर्रा में रामनगर से लछमनगढ़ 2 किमी में 800 पौधे, ग्राम पंचायत खोडरी में जनपद पंचायत उदयपुर से देवगढ़ रोड तक 3.00 कि.मी. में 800 पौधे,
ग्राम पंचायत महेशपुर में महेशपुर मंदिर से केदमा मार्ग तक 1.25 किमी में 400 पौधे, ग्राम पंचायत झिरमिटी अल्कापुर से हर्टिकल्चर नर्सरी तक एन एच 130 के किनारे 1 किमी में 400 पौधे लगाये जाएंगे।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुलदीप शर्मा ने बताया कि इसमें क्रियान्वयन एजेंसी वन विभाग को बनाया गया है जिसके द्वारा आम, नीम, कटहल, गुलमोहर, करंज, जामुन, इमली, आदि के पौधे लगाये जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। (Ram Van Gaman path)

महिलाएं बना रहीं बांस के ट्री-गार्ड
इन सभी वृक्षों को महिला स्व सहायता समूह के द्वारा बनाए जा रहे बांस के ट्री-गार्ड से सुरक्षित की जायेगी। वन विभाग महिला समूह से 450 रूपए प्रति नग की दर से ट्री-गार्ड खरीदेगा।
ट्री-गार्ड बनाकर बेचने से माहिलाओ के समूह की आमदनी बढेगी और पौधों की ज्यादा सुरक्षा होगी। ट्री-गार्ड लगने से मवेशी पौधों को कोई क्षति नही पंहुचा सकेंगे। वन विभाग के द्वारा अगले तीन वर्ष तक रोपे जा रहे पौधों की देखभाल की जाएगी।
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