महासमुंद के पासिड रेस्क्यू सेंटर में रखा गया था इन 5 कुमकी हाथियों को, तमोर पिंगला अभ्यारण्य में लाए गए
Kumki elephants
अंबिकापुर. सरगुजा के उत्पाती हाथियों को नियंत्रित करने के लिए अब कर्नाटका से आए प्रशिक्षित हाथियों का सहारा लिया जाएगा। सरगुजा के 5 महावतों की मदद से वन अमला महासमुंद के रेसक्यू सेंटर से एक दिन पूर्व रवाना हुए थे।
शनिवार की शाम सभी हाथियों को सुरक्षित लेकर अधिकारियों व डॉक्टरों का दल तमोर पिंग्ला हाथी रेस्क्यू सेंटर पहुंच गया, जहां अभी हाथियों को रखकर यहां के वातावरण में ढालने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, फिर इन्हें रेस्क्यू सेंटर में स्वतंत्र रूप से विचरण करने के लिए छोड़ दिया जाएगा।
अविभाजित सरगुजा जिले में मानव व हाथी के बीच बढ़ रहे द्वंद की रोकथाम के लिए अब कर्नाटका से प्रशिक्षित हाथियों का दल (कुमकी) को केंद्र सरकार की अनुमति के बाद लाया गया है। इन हाथियों को प्रदेश के वातावरण के अनुसार बनाने के लिए महासमुंद के पासिड रेस्क्यू सेंटर में एक वर्ष से रखा गया था। सरगुजा में काफी संख्या में हाथियों का दल सक्रिय है।
इन्हें रिहायशी इलाकों से दूर रखने के लिए वन विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार से अनुमति मिलने के बाद कुमकी हाथियों को लेने के लिए महावत व अधिकारियों का एक दल 2 दिन पूर्व ही महासुमंद के लिए रवाना हो गया था। अधिकारियों का दल पहुंचने के बाद शुक्रवार को ट्रकों में हाथियों को चढ़ाया गया।
ये हाथी ट्रक में चढऩे व उतरने में भी सक्षम है। शुक्रवार की शाम को हाथियों को लेकर वन विभाग के अधिकारी रवाना हुए। पहले रायपुर, बिलासपुर व कोरिया से होते तमोर पिंग्ला पहुंचना था। लेकिन ट्रैक खाली नहीं मिलने की वजह से वन विभाग के अधिकारियें ने मार्ग बदलने का निर्णय लिया था।
वन विभाग के अधिकारी उदयपुर व सूरजपुर की तरफ से होते हुए तमोर पिंग्ला पहुंचे। देर शाम को पहुंचने के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने कुमकी हाथियों को डाक्टरों की देखरेख में उतरवाने के बाद उन्हें रेस्क्यू सेंटर में छोडा।
इस दौरान सीसीएफ एबी मिंज, वाइल्ड लाइफ सीसीएफ एसएस कंवर, वाइल्ड लाइफ डीएफओ अरविंद पीएम, प्रभात दुबे सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। पांच ट्रक में डॉक्टरों की देखरेख में पहुंचे कुमकी हाथियों के साथ कानन पंडारी के डॉ. चंदन व देहरादून के साइंटिस्ट लक्ष्मीनारायण भी मौजूद थे। पांच ट्रक में अलग-अलग महावतों की देखरेख में कुमकी हाथी पहुंचे।
इसमें योगलक्ष्मी के साथ महावत शब्बीर मिंज, तीरथ के साथ महावत हबील मिंज, गंगा हाथी के साथ महावत विनोद खेस, दुर्योधन के साथ महावत लोकनाथ व परशुराम के साथ लोहारू महावत ट्रक में सवार थे। इन्हें सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया था।