प्रदेश सरकार ने अंबिकापुर को मेडिकल कॉलेज की सौगात देकर अपनी पीठ तो थपथपा ली लेकिन सेटअप व संसाधन नहीं होने का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। यहां व्याप्त अव्यवस्था व प्रबंधन की लापरवाही मरीजों की जान पर भारी पड़ रही है। कभी किसी की मौत ऑक्सीजन नहीं मिलने से हो जाती है तो कोई एंबुलेंस के इंतजार में दम तोड़ देता है।
रामानुजगंज से परिजन के साथ पहुंची थी पीडि़ता
रामानुजगंज थाने में एक 11 साल की बालिका के साथ अनाचार के मामले में पुलिस ने अपराध दर्ज किया था। पुलिस ने रामानुजगंज अस्पताल में पीडि़ता की प्राथमिक जांच कराई। यहां से चिकित्सकों ने मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर अस्पताल एमएलसी कराने के लिए रेफर कर दिया।
दर्द लिए परिजन के साथ भटकती रही पीडि़ता
मंगलवार की दोपहर लगभग 12 बजे परिजन, पुलिस व पीडि़ता एमएलसी के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। यहां परिजन ने लाइन में लगकर करीब आधे घंटे बाद ओपीडी पर्ची कटवाई और शिशु रोग विशेषज्ञ के पास पहुंचे। यहां से शिशु रोग विशेषज्ञ ने उन्हें महिला वार्ड में भेज दिया। फिर यहां से परिजन की परेशानी शुरू हुई। चिकित्सकों के फेर में पड़कर परिजन अस्पताल में भटकते रहे लेकिन एमएलसी नहीं हो सका। पीडि़ता के साथ हुए कृत्य से दुखी परिजन को सरकारी हेल्थ सिस्टम की संवेदनहीनता से दोहरी तकलीफ झेलनी पड़ी।
पत्रिका की पहल पर शाम को हुई एमएलसी
मामले की जानकारी मिलने पत्रिका संवाददाता ने अस्पताल पहुंचकर हेल्थ डायरेक्टर आर प्रसन्ना व एसडीएम पुष्पेंद्र शर्मा को प्रबंधन की लापरवाही से अवगत कराया। हेल्थ डायरेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रबंधन को तत्काल पीडि़ता का एमएलसी कराने को कहा। तब करीब ६.३० घंटे बाद शाम लगभग ७ बजे शिशु रोग विशेषज्ञ व अन्य चिकित्सक पहुंचे और पीडि़ता का एमएलसी किया।
एसडीएम ने लगाई फटकार
मामले की जानकारी मिलने पर एसडीएम पुष्पेंद्र शर्मा भी तत्काल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने चिकित्सकों को इस लापरवाही के लिए जमकर फटकार लगाई। शुरू में चिकित्सकों ने झूठ बोलकर उन्हें भी भ्रमित करने की कोशिश की, लेकिन जब झूठ पकड़ा गया तो एसडीएम ने उन्हें फिर फटकार लगाई।
एसडीएम बोले-अफसोसजनक घटना
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही पर एसडीएम पुष्पेंद्र शर्मा काफी नाराज हुए। उन्होंने कहा कि यह काफी अफसोसजनक घटना है, ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले से वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है। उन्होंने अस्पताल में परिजन व मरीजों के लिए एक हेल्प डेस्क होने की आवश्यकता जताई।
अधीक्षक व तीन चिकित्सकों को नोटिस जारी
एसडीएम ने इस मामले से कलक्टर किरण कौशल को भी अवगत कराया। इस पर कलक्टर ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए अस्पताल अधीक्षक डॉ. एके जायसवाल, डॉ. जेके रेलवानी, डॉ. जेपी साहू व डॉ. किरण भजगावली को तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश जारी कर दिए।
सुधारी जाएगी व्यवस्था
आपके माध्यम से मुझे इस मामले की जानकारी मिली। मैंने तत्काल प्रबंधन को पीडि़ता का एमएलसी करवाने का निर्देश दिया है। व्यवस्था सुधारने सभी आवश्यक पहल किए जाएंगे।
आर प्रसन्ना, स्वास्थ्य आयुक्त, छग शासन