scriptऑपरेशन पद्मावती चलाकर 41 घंटे बाद कुएं से ऐसे निकाला गया हाथी, पिछला पैर है फ्रैक्चर- देखें Video | Ambikapur news- After 41 hours elephant removed from well | Patrika News

ऑपरेशन पद्मावती चलाकर 41 घंटे बाद कुएं से ऐसे निकाला गया हाथी, पिछला पैर है फ्रैक्चर- देखें Video

locationअंबिकापुरPublished: Nov 14, 2017 04:55:10 pm

नवाधक्की गांव में ग्रामीण को मारने दौड़ाने के दौरान अनियंत्रित होकर गिर गया था सूखे कुएं में, निकालने करनी पड़ी कड़ी मशक्कत

Elephant removed by crane

Elephant removed by crane

अंबिकापुर/पोड़ी मोड़. अंबिकापुर-बनारस मार्ग पर घाट पेंडारी से लगे ग्राम नवाधक्की में रविवार की रात 13 हाथियों के दल से एक हाथी पीछे की ओर सूखे कुएं में गिर गया था। घर ढहाने के दौरान ग्रामीण निकला तो हाथी ने उसे मारने दौड़ाया था। इसी बीच वह अनियंत्रित हो गया था। हादसे में उसका पिछला पैर फ्रैक्चर हो गया है, इस कारण कुएं से रास्ता बनाने के बावजूद वह खुद नहीं निकल पाया था।
सूचना पर प्रशासन व पुलिस सहित वन अमला पिछले 40 घंटे से वहां तैनात था। ऑपरेशन पद्मावती चलाकर मंगलवार की दोपहर करीब 1.30 बजे हाथी को 2 क्रेन से बाहर निकाला गया। हाथी को विभाग द्वारा ट्रक में भरकर रेवटी ले जाया गया। यहां डॉक्टरों की टीम द्वारा उसका इलाज किया जा रहा है। इधर डॉक्टरों ने आशंका जताई है कि इलाज के बाद भी हाथी ज्यादा दिन तक जिंदा नहीं रह पाएगा।
गौरतलब है कि प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के रमकोला जंगल से निकलकर 13 हाथियों का दल रविवार की रात करीब 8 बजे बनारस मार्ग पर स्थित ग्राम नवाधक्की पहुंचा था। इस दौरान एक हाथी वहां स्थित घर को ढहाने लगा था। आवाज सुनकर ग्रामीण टॉर्च लेकर बाहर निकला तो रोशनी देखकर हाथी ने उसे मारने दौड़ाया।
इसी बीच वह थोड़ा रुका ही था कि पीछे स्थित कुएं में अनियंत्रित होकर गिर गया। इसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही रेंजर डीएन जायसवाल वन अमले के साथ मौके पर पहुंचे।
हाथी दर्द से तड़प रहा था। सोमवार की सुबह सूरजपुर एसडीओ, ओडग़ी एसडीओ व प्रतापपुर एसडीओ के मार्गदर्शन में हाथी को निकालने कुएं को खोदकर रास्ता तैयार किया गया, लेकिन पैर में गंभीर चोट के कारण हाथी निकल नहीं सका। हाथी को निकालने मौके पर 2 क्रेन मंगाया गया, लेकिन उसे शाम तक नहीं निकाला जा सका।
41 घंटे बाद निकला हाथी, चलाया ऑपरेशन पद्मावती
हाथी के कुएं में गिरने की सूचना मिलने पर अन्य अधिकारियों के अलावा सीसीएफ बिसेन, नंदन कानन बिलासपुर से डा. चंदन, अंबिकापुर से डॉक्टर मिश्रा भी मंगलवार को मौके पर पहुंचे। फिर कर्नाटक से प्रशिक्षित बलरामपुर के हाथी मित्र मेजर करन सिंह, दल प्रभारी शंकर पांडेय, हीरालाल, गोलू अंसारी, कुंजन व हरकेश्वर द्वारा हाथी को बेल्ट बांधकर के्रन के सहारे दोपहर करीब 1.30 बजे बाहर निकाला गया।
हाथी सूखे कुएं में 41 घंटे तक पड़ा रहा। इस दौरान उसके खाने की व्यवस्था विभाग द्वारा वहीं कर दी गई थी। हाथी को निकालने से पूर्व विभाग द्वारा इलाके के ग्रामीणों को सुरक्षित कर लिया गया था।
ले जाया गया रेवटी
हाथी को कुएं से निकालकर ट्रक की मदद से ग्राम रेवटी स्थित वन विभाग के परिसर में ले जाया गया। यहां डॉक्टरों की टीम द्वारा उसका इलाज शुरु कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि उसका पिछला पैर फ्रैक्चर हो चुका है। रीढ़ की हड्डी में भी फ्रैक्चर की भी संभावना डॉक्टर जता रहे हैं। इलाज के बाद हाथी को तमोर पिंगला अभयारण्य में विशेषज्ञों की देखरेख में रखा जाएगा।
गृहमंत्री भी पहुंचे मौके पर
हाथी के कुएं में गिरने की सूचना पर गृहमंत्री रामसेवक पैंकरा भी मंगलवार की दोपहर करीब 12 बजे मौके पर पहुंचे थे। वे यहां करीब 1 घंटे तक रुक कर दिशा-निर्देश देते रहे। बताया जा रहा है कि यदि प्रशासन ने पहले तत्परता दिखाई होती तो रेस्क्यू ऑपरेशन पहले शुरु हो जाता। इधर डॉक्टरों ने आशंका जताई है कि इलाज के बाद भी हाथी ज्यादा दिन तक जिंदा नहीं रह पाएगा।
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