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मौत की ये तस्वीर देख दहल जाएगा दिल, 2 कोल वाहनों के बीच फंस गया शरीर, काटकर निकाला बाहर

locationअंबिकापुरPublished: Nov 07, 2017 09:53:55 pm

सोमवार की रात ग्राम मेंड्रा में हुआ हादसा, अदानी के माइंस से रामानुजनगर साइडिंग जा रहा था कोल वाहन, जारी है ग्रामीणों का प्रदर्शन

Trapped body between 2 vehicles

Trapped body between 2 vehicles

सूरजपुर. अदानी के परसा केते माइंस से रामानुजनगर रेलवे साइडिंग जा रहे तेज रफ्तार कोल वाहन ने ग्राम मेंड्रा में सोमवार की रात एक ग्रामीण को कुचल दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। कुचला शरीर वाहन में ही फंसा रहा। इस बीच उक्त वाहन ने दूसरे कोल वाहन में टक्कर मारी तो लाश दोनों वाहनों के बीच फंस गया।
बाद में उसे कटर से काटकर बाहर निकाला गया। इस दुर्घटना से नाराज लोगों ने कोल परिवहन ठप करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। देर रात अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाइश दी लेकिन वे नहीं माने। ग्रामीणों का प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहा।
शाम लगभग 5 बजे एसडीएम ने मृतक के परिजन को तात्कालिक सहायता राशि देकर ग्रामीणों को आंदोलन समाप्त करने की समझाइश दी फिर भी लोग नहीं माने। ग्रामीणों का कहना है कि अब वे इस मार्ग से कोल परिवहन नहीं होने देंगे। कोल परिवहन ठप होने से सैकड़ों कोल वाहनों के पहिए थम गए हैं।

सोमवार की रात लगभग ८ बजे अदानी के परसा केते माइंस से रामानुजनगर कोल साइडिंग जा रहे कोल वाहन क्रमांक सीजी 15 डीबी-9992 के चालक ने ग्राम मेंड्रा में सड़क पार कर रहे 55 वर्षीय भोलाराम पिता बरन सिंह को कुचल दिया। ग्रामीण कोल वाहन के अंदर ही फंस गया, इसके बाद ये वाहन आगे जाकर सामने से आ रहे कोल वाहन से टकरा गया।
ग्रामीणों द्वारा शोर मचाने पर दुर्घटनाकारी वाहन रूका और चालक फरार हो गया। इस दुर्घटना से नाराज ग्रामीणों ने सड़क पर बैठकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे कोल परिवहन ठप हो गया। जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक जगते, तुलसी यादव, विरेंद्र जायसवाल व अशोक साहू के नेतृत्व में आंदोलन कर रहे ग्रामीण 50 लाख रुपए मुआवजा व पीडि़त परिवार के सदस्य को नौकरी देने की मांग पर अड़ गए।
घटना की जानकारी मिलने पर अदानी प्रबंधन के अधिकारी मौके पर पहुंचे आर्थिक सहायता राशि लेकर आंदोलन समाप्त करने की बात करने लगे लेकिन ग्रामीण नहीं माने। पूरी रात आंदोलन जारी रहा।


कोल वाहनों से 105 लोगों की गई जान
ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहा। इससे सैकड़ों कोल वाहनों के पहिए थमे रहे। प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया। अधिकारियों की कई समझाइश के बाद भी ग्रामीण नहीं माने। शाम लगभग 5 बजे एसडीएम विजेंद्र पाटले ने मौके पर पहुंचकर मृतक के परिजन को तात्कालिक सहायता राशि के रूप में 1 लाख रुपए दिए।
साथ ही अदानी प्रबंधन व जिला प्रशासन के मध्य बनी दुर्घटना पर मुआवजा नीति के तहत 6 लाख 25 हजार रुपए देने की बात परिजन को कही गई, फिर भी ग्रामीण नहीं माने। उनका कहना है कि इस मार्ग पर कोल वाहनों से अब तक 105 लोगों की मौत हो चुकी है।
अब वे एक भी मौत नहीं होने देना चाहते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि इस मार्ग पर कोल परिवहन नहीं होने देंगे। रात तक ग्रामीणों का प्रदर्शन जारी था।


घटनास्थल पर ही हुआ पीएम
मृतक का शव कोल वाहन में फंसकर क्षत-विक्षत हो गया था। उसे निकालने के लिए कोल वाहन के सामने का हिस्सा काटना पड़ा। शव की स्थिति के मद्देनजर मौके पर ही चिकित्सकों की टीम ने पीएम कर परिजन को सौंपा।
coal transport closed
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