अंबिकापुर. पुराना बस स्टैंड से लगे मुख्य डाकघर के पास रविवार की देर रात फुटपाथ पर सो रहे रिक्शा चालक की अज्ञात लोगों ने पत्थर से सिर कुचलकर नृशंस हत्या कर दी। हत्या में प्रयुक्त पत्थर वारदात स्थल के सामने स्थित दुकान के पास पड़ा हुआ था। दुकान के सीसीटीवी कैमरे में अज्ञात आरोपी पत्थर उठाता जरूर दिख रहा है लेकिन उसका चेहरा स्पष्ट रूप से नजर नहीं आ रहा है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्धों से पूछताछ कर रही है।
सूरजपुर जिले के ग्राम लटोरी, माझापारा निवासी छोटू सिंह पिता शिवा सिंह 30 वर्ष अंबिकापुर में गोपाल रिक्शा गैरेज का रिक्शा चलाता था। रात को वह शहर के फुटपाथ पर ही सो जाता था। रविवार की रात वह पुराना बस स्टैंड से लगे मुख्य डाकघर के सामने स्थित अंकुर इंटरप्राइजेस के चबूतरे पर सोया था।
सोमवार की सुबह 6 बजे उसका शव वहां सो रहे अन्य लोगों ने देखा और पुलिस को सूचना दी। रिक्शा चालक का सिर पत्थर से कुचला हुआ था। पास मे ही खून लगा पत्थर भी पड़ा हुआ था। सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और आस-पास के दुकानों में लगी सीसीटीवी फुटेज की जांच की।
पुलिस ने बताया कि रात में हुए विवाद के बाद अज्ञात लोगों ने भारी पत्थर से सिर कुचलकर हत्या की है। पुलिस ने कुछ संदेहियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं उन्होंने मृतक के परिजनों को भी सूचना दे दी है। पंचनामा पश्चात शव को पीएम के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सीसीटीवी में पत्थर उठाता दिखा आरोपी वारदात स्थल के सामने स्थित कैमूर एग्स के बगल में स्थित फल दुकान के सीसीटीवी कैमरे में पत्थर ले जाता अज्ञात आरोपी भी दिखा है। लेकिन इसमें उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा है। वहीं दूसरे सीसीटीवी में आरोपी चेहरे पर गमछा बांधे सड़क पर चलता दिख रहा है लेकिन इससे भी उसकी पहचान नहीं हो पा रही है। पुलिस हर पहलुओं पर जांच कर रही है।
पहली बार वहां पहुंचा था सोने बताया जा रहा है कि मृतक रिक्शा चलाने के बाद रात फुटपाथ पर ही गुजारता था। वह पुराने बस स्टैंड के इस इलाके में पहली बार देखा गया है। घटनास्थल पर ही अपनी पत्नी के साथ सो रहे धनु बरगाह ने बताया कि उसने रात को कोई शोर-शराबा सुनाई नहीं दिया। मृतक इसके पहले कभी भी वहां सोने नहीं पहुंचा था। पुलिस ने मामले में एक अन्य रिक्शा चालक को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
5 घंटे देर से पहुंची पुलिस रिक्शा चालक की हत्या की सूचना कोतवाली पुलिस को सुबह 6 बजे ही मिल गई थी लेकिन वारदात स्थल पर वह करीब 11 बजे पहुंची। पुलिस के देर से पहुंचने पर लोगों द्वारा यह कहते सुना गया कि रिक्शा चालक होने के कारण पुलिस ने मामले में तत्परता नहीं दिखाई। वहीं यदि यह कोई हाईप्रोफाइल मर्डर होता तो पुलिस पहले ही सक्रिय हो जाती।