ओडग़ी थाना क्षेत्र के ग्राम धुर निवासी सुनीता सारथी की 12 वर्षीय पुत्री परी सिंह 29 अप्रैल को साइकिल से गिर गई थी। इस दौरान उसकी जांघ में ब्रेक लीवर टूटकर घुस गया था। परिजनों द्वारा उसे तत्काल ओडग़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। यहां डॉ. विजय शरण सिंह ने बालिका का इलाज किया।
उन्होंने बिना ब्रेक लीवर निकाले टांका लगा दिया। इसके बाद यह कहकर दवा देते रहे कि वह जल्द ही ठीक हो जाएगी। इधर बालिका की हालत बिगड़ती जा रही थी। टांका लगे स्थान पर सूजन हो गया था। यह देख परिजन 4 दिन पूर्व उसे लेकर अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल पहुंचे।
यहां डॉक्टरों ने उसका एक्सरे किया, रिपोर्ट देखकर वे भी हैरान रह गए। फिर उन्होंने ऑपरेशन कर बालिका की जांघ से ब्रेक लीवर बाहर निकाला। डॉक्टरों का कहना था कि यदि जल्द ही ऑपरेशन नहीं किया जाता तो उसके पैर काटने पड़ सकते थे।
कलेक्टर से शिकायत
बालिका की मां ने मामले की शिकायत बुधवार को सूरजपुर कलेक्टर से की। इस दौरान उसे मदद के नाम पर 10 हजार रुपए दिया जाने लगा तो उसने लेने से मना करते हुए डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की।
इधर कलेक्टर ने सीएमएचओ को डॉक्टर पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बालिका की मां ने बताया कि उसने जब मामले की जानकारी डॉक्टर व जनप्रतिनिधियों को दी तो उसे मुंह चुप रहने की धमकी दी गई।
लगाई गई है फटकार
शिकायत पर डॉक्टर को बुलाकर फटकार लगाई गई है। साथ ही नोटिस जारी किया जा रहा है। कार्रवाई जरूर होगी।
डॉ. आर एस सिंह, सीएमएचओ सूरजपुर