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अंबिकापुर

अस्पताल ले जाने की बजाय माता-पिता ने बेहोश बेटे को गोबर के ढेर में गाड़ा, हो गई मौत

Buried in dung: चचेरे भाई-बहन के साथ खेत (Farm) में काम करने के दौरान 18 वर्षीय युवक आकाशीय बिजली (Sky lightning) की चपेट में आकर हो गया था बेहोश

अंबिकापुरJun 23, 2021 / 10:54 am

rampravesh vishwakarma

Sky lightning

Buried in cow dung

अंबिकापुर. खेत में काम करने के दौरान एक युवक आकाशीय बिजली (Sky Lightning) की चपेट में आ गया। इससे वह गंभीर रूप से झुलस कर बेहोश हो गया।

चचेरे भाई-बहन ने घर पर जाकर सूचना दी तो घरवाले उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाने के बजाय अंधविश्वास में पड़कर अचेत अवस्था में लगभग 1 घंटे से ज्यादा समय तक गोबर के ढेर में गाड़े रखा। अंत में जब उसे अस्पताल लेकर पहुंचे तो चिकित्सकों ने जांच के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया।

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सरगुजा जिले के धौरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सखौली निवासी परषोत्तम दास उर्फ गणेश दास 18 वर्ष सोमवार की दोपहर 3 बजे अपने चचेरे भाई व बहन के साथ अपने खेत में गोबर खाद हटा रहा था। तीनों एक दूसरे से दूरी पर रहकर काम कर रहे थे। इसी बीच तेज गरज के साथ बारिश शुरू हो गई।
इसी बीच अचानक वहां आकाशीय बिजली आ गिरी। इसकी चपेट में आकर पुरुषोत्तम गंभीर रूप से झुलस गया, इससे वह वहीं बेहोश हो गया। उसके चचेरे भाई और बहन कुछ दूर पर थे, इस कारण वे बाल-बाल बच गए।

गोबर में गाड़ा
घटना के बाद चचेरे भाई-बहन ने इसकी जानकारी घर में जाकर परिजनों को दी। परिजन उसे वहां से उठाकर घर लाए और उसे अस्पताल ले जाने की बजाय अंधविश्वास में पड़ कर लगभग 1 घंटे तक गोबर के ढेर में गाड़ कर रखा। अंत में जब उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे तो यहां जांच पश्चात डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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कई लोगों की जा चुकी है जान
सरगुजा संभाग में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर इस वर्ष एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। कई मामले में यह देखने को आया है कि आकाशीय बिजली से गंभीर रूप से झुलसे या मृत को गोबर में गाड़ा गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में यह अंधविश्वास है कि गोबर में शरीर को रखने से उसमें प्राण लौट आता है। इसी चक्कर में जिनकी जान अस्पताल में बचाई जा सकती है, वे भी मौत के मुंह में चले जाते हैं।

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