स्वच्छता सर्वेक्षण २०१८ में शामिल शहरों की सफाई व्यवस्था की शिकायत और सुझाव देने के लिए एसबीएम एप का प्रचार-प्रसार किया जाना है। एप में दर्ज शिकायतों का निराकरण करने के बाद स्थान की फोटो खींचकर भेजना है। दर्ज शिकायत और निराकरण के आधार पर शहर को अंक दिया जाएगा। एप का इस्तेमाल करने पर अधिकतम १०० अंक निर्धारित है। इसी प्रकार स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के लिए 65 बिन्दु तय किए गए हंै।
हर कार्य पर अंक निर्धारित है। अंबिकापुर नगर निगम को स्वच्छ एप के इस्तेमाल पर व शिकायतों के निराकरण पर अब तक शहरी विकास मंत्रालय द्वारा १०० अंक दिए जा चुके हैं। रविवार तक 2448 एप के माध्यम से प्राप्त शिकायतों का निराकरण कर 1567 शहरों की सूची में अंडर 20 रैंकिंग प्राप्त कर निगम ने पूरे प्रदेश में अव्वल स्थान प्राप्त कर लिया है। अंडर 20 रैंकिंग प्राप्त करने पर शहरी आवास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भी 250 अंक प्राप्त हो जाएंगे। इस प्रकार वर्ष 2018 के स्वच्छता सर्वेक्षण में ३५० अंक लेकर पूरे प्रदेश में पहले ही आगे निकल गया है।
24 सितंबर को दर्ज हुई 45 शिकायत
स्वच्छता एप के माध्यम से अगस्त से 24 सितंबर तक कुल 2448 शिकायतें व सुझाव प्राप्त हुए। रविवार को दिनभर में एप के माध्यम से 45 शिकायतें प्राप्त हुए थे, जिनका भी निराकरण निगम द्वारा कर दिया गया है। इस एप के माध्यम से ज्यादातर सड़क, नाली व बाजार की शिकायत दर्ज कराई गई है।
हर महीने जारी किया जाएगा रैंक
स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 की प्रक्रिया फरवरी तक चलेगी। हर महीने मोबाइल एप का इस्तेमाल जागरूकता अभियान शत प्रतिशत घरों से सूखा और गीला कचरे से संग्रहण, जैसे वेस्ट यूनिट में कचरे का निष्पादन में जीपीएस सिस्टम का इस्तेमाल वार्ड से मिले फीडबैक रिपोर्ट के आधार पर हर महीने रैंक जारी किया जाएगा।
शिकायतों पर विशेष फोकस
अंबिकापुर निगम स्वच्छता अभियान में लगातार पूरे प्रदेश में अव्वल बना हुआ है। निगम द्वारा लगातार शिकायतों के निराकरण पर ध्यान दिया जा रहा है। इसकी वजह से शुरू से ही प्रदेश में अव्वल बने हुए हैं। जबकि रायपुर व बिलासपुर को प्रदेश सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी के लिए प्रस्तावित किया गया था। इन शहरों को पछाड़कर अंबिकापुर पहले नंबर पर है।