अंबिकापुर

कोरोना इफेक्ट: इस बार घरों में ही मना चैती छठ, व्रतियों ने उगते सूर्य को अघ्र्य देकर मांगी परिवार की सुख-समृद्धि

Chaitra Chhath 2020: लॉकडाउन के कारण छठघाटों पर इस बार नहीं उमड़ी छठव्रतियों की भीड़, घरों में ही घाट बनाकर दिया अघ्र्य

अंबिकापुरMar 31, 2020 / 09:18 pm

rampravesh vishwakarma

Chaitra Chhath

अंबिकापुर। कोरोना वायरस से बचाव हेतु किए गए लॉकडाउन की वजह से रविवार से शुरू हुआ कठिन चैती छठ का महापर्व घरों में ही मनाया गया। श्रद्धालुओं द्वारा मंगलवार की सुबह घरों में उगते सूर्य को अघ्र्य देने के साथ ही पर्व का समापन हुआ। छठव्रतियों ने भगवान सूर्य को अघ्र्य देकर परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की।

कोरोना वायरस का भय और लॉकडाउन के बीच चार दिवसीय चैती छठ पूजा के चौथे दिन मंगलवार की सुबह व्रतियों ने अपने-अपने घरों में सादगी के साथ भगवान भास्कर को अघ्र्य देकर परिवार की समृद्धि की कामना की। (Chaitra Chhath)
इससे पूर्व व्रतियों ने घरों में प्रसाद बनाया, फिर आराध्य देव श्री सूर्यनारायण और छठी मइया को नमन कर पूजा का अनुष्ठान विधि-विधान से किया। सोमवार की शाम श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी और मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को दूसरा अघ्र्य घर में देकर मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगा।
श्रद्धालु परमानंद तिवारी ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से छठ महापर्व पर नदी नहीं जा सकते थे। इसकी वजह से घर में ही अस्थाई तालाब बनाया गया था, उसी में खड़े होकर सूर्य देव को अघ्र्य दिया गया।

घाटों पर नहीं घर में बनाया कुंड
कोरोना संक्रमण के कारण घोषित लॉकडाउन की वजह से इस बार घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं थी। छठ के पारंपरिक गीत दर्शन देहू न आपार छठी मैया, उगा हे सूरजदेव अरघ के बेरिया.. गीत गाते महिला व्रतियों ने घरों में खरना और अघ्र्य के प्रसाद तैयार किया।
रविवार की शाम व्रतियों ने पूरी भक्ति के साथ भगवान भास्कर को गुड़, दूध की खीर, घी में बनी रोटी का भोग लगाया और खुद भी परिजनों के साथ प्रसाद ग्रहण किया।

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