रविवार की सुबह शहर के शिवधारी कॉलोनी के आस-पास के लोग घूमने निकले थे। इस दौरान पंचानन होटल के पास मैदान से बच्चे के रोने की आवाज सुनकर लोग वहां पहुंचे। वहां का दृश्य देख कर लोग हैरान रह गए। कपड़े में लपेटी हुई एक बच्ची लावारिस फेंकी हुई थी। उसके आस-पास कोई नहीं था।
एक माह की है बालिका
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ. रेलवानी ने बताया कि बच्ची अभी स्वस्थ्य है। बच्ची को जन्म लिए लगभग एक माह हुए होंगे। बच्ची को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। उसके शरीर पर चोट के निशान भी नहीं हैं।
मां की ममता इतनी ही थी कि लपेट दिया था कपड़ों में
निर्मोही मां-बाप (Cruel parents) ने बारिश के इस सीजन में बालिका को खुले आसमान के नीचे फेंक दिया था। बारिश के दिनों में अक्सर जहां-तहां कीड़े-मकोड़े रहते हैं। झाडिय़ों के बीच बालिका का रो-रोकर बुरा हाल था। मां की ममता बस इतनी ही उस बच्ची के साथ जुड़ी हुई थी कि उसने झाड़ी में फेंकने से पहले उसे कपड़ा में लपेट दिया था।