अंबिकापुर

जूनियर इंजीनियर की मौत मामले की होगी न्यायिक जांच, एसपी ने भेजा पत्र, मृतक के भाई ने किया ये बड़ा खुलासा

Custodial death: हत्या के आरोपी जूनियर इंजीनियर की मौत (Junior engineer death) मामले में पुलिस के अलग-अलग बयानों पर उठ रहे सवाल, मृत जूनियर इंजीनियर के भाई ने कहा- पुलिस (Police) ने भैया से नहीं कराई किसी की बात

अंबिकापुरNov 25, 2020 / 01:00 pm

rampravesh vishwakarma

Junior engineer dead body in hospital

अंबिकापुर. लटोरी पुलिस की हिरासत में जूनियर इंजीनियर पूनम कतलम की मौत (Junior engineer death in police custody) के मामले की अब न्यायिक जांच (Judicial inquiry) होगी। सूरजपुर एसपी ने इसके लिए जिला सत्र न्यायाधीश को पत्र भेजा है। जूनियर इंजीनियर की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस की पिटाई के बाद तबियत खराब होने और बाद में अस्पताल में मौत का आरोप लगाया है।
सूरजपुर एसपी ने यह बयान दिया था कि शाम करीब 4 बजे सब-स्टेशन में पूछताछ के दौरान ही जूनियर इंजीनियर की तबियत बिगड़ी थी। जबकि चौकी प्रभारी सुनील सिंह ने चौकी लाने के दौरान रास्ते में तबियत बिगडऩे की बात कही थी। एसपी व चौकी प्रभारी के बयान में ही विरोधाभास है।
मृतक के भाई दिलीप कतलम का इस मामले में कुछ और ही कहना है। उसने बताया कि भैया को पुलिस सोमवार की सुबह 10 बजे अपने साथ ले गई थी। जब चौकी में तबियत बिगड़ी तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस मामले में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (Leader of opposition) ने भी जांच पश्चात दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात उठाई है।

लटोरी चौकी अंतर्गत ग्राम गजाधरपुर निवासी 24 वर्षीय युवक हरिशचंद्र की हत्या के आरोप में पुलिस ने करवां सब-स्टेशन में पदस्थ जूनियर इंजीनियर पूनम कतलम को सोमवार को हिरासत में लिया था।

पुलिस के अनुसार शाम करीब 4 बजे सब-स्टेशन (Sub-station) में ही पूछताछ के दौरान ही उसने तबियत खराब होने की शिकायत की और उसे लटोरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ्य में सुधार होने पर जूनियर इंजीनियर की परिजनों से मोबाइल पर बात भी कराई गई थी। वहीं मंगलवार की अलसुबह अस्पताल में ही जूनियर इंजीनियर की मौत हो गई थी।
भाई ने पुलिस की कहानी को बताया झूठा
इस मामले में मृत जूनियर इंजीनियर के छोटे भाई दिलीप कतलम ने पुलिस की कहानी को पूरी तरह झूठा (Lie) बताया है। उसने बताया कि पुलिस सोमवार की सुबह 10 बजे ही भैया को अपने साथ चौकी ले गई थी।
यहां उन्होंने टॉर्चर किया और तबियत बिगडऩे पर शाम 4 बजे अस्पताल में भर्ती कराया था। उसने इस बात को भी झूठ बताया है जिसमें पुलिस ने परिजनों से उसकी मोबाइल से बात कराने का दावा किया है।

सडक़ पर शव रखकर किया था प्रदर्शन
पुलिस ने जूनियर इंजीनियर का शव पीएम के लिए बिश्रामपुर अस्पताल भिजवाया था। यहां परिजनों के पीएम के दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की मांग को भी पुलिस ने अनसुना कर दिया था।
पीएम के बाद परिजनों व भाजपाइयों ने बिश्रामपुर में ही एनएच-43 पर शव रखकर डेढ़ घंटे से भी अधिक समय तक प्रदर्शन किया था। बाद में प्रशासन द्वारा कुछ मांगों को मान लेने के आश्वासन के बाद वे शव गृहग्राम बालोद ले गए।

एसपी ने जिला सत्र न्यायाधीश को भेजा पत्र
जूनियर इंजीनियर (Junior engineeer) की मौत मामले में चौतरफा बढ़ते दबाव को देखते हुए सूरजपुर एसपी राजेश कुकरेजा ने मंगलवार की देर शाम न्यायिक जांच के लिए जिला सत्र न्यायाधीश को पत्र भेजा है। इधर परिजनों की भी मांग थी कि मामले की न्यायिक जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

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