अंबिकापुर

खाद्य मंत्री ने राइस मिलरों से कही ये बात, पूर्व सरकार ने इन पर इस कारण से लगाई थी करोड़ों की पेनाल्टी

Custom milling: खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने राइस मिलरों से धान उठाव के संबंध की की समीक्षा, अच्छे से काम करने की दी सलाह

अंबिकापुरOct 04, 2019 / 08:42 pm

rampravesh vishwakarma

Food minister

अंबिकापुर. राइस मिलर्स पर धान का उठाव करने में हीला-हवाली किए जाने पर पूर्व सरकार द्वारा करोड़ों की पेनाल्टी लगाए जाने को लेकर शुक्रवार को शहर के एक निजी होटल में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की उपस्थिति में समीक्षा की गई। राइस मिलर्स द्वारा बिल को भुगतान हेतु विभाग के समक्ष पेश ही नहीं किया जा रहा है।
पूर्व में शासन द्वारा पेनाल्टी की राशि बिल में समायोजित करने का आदेश दिया गया था, इसके डर से ही मिलर्स बिल जमा करने में जानबूझकर देरी कर रहे हैं।


राइस मिलर्स द्वारा संग्रहण केंद्रों से धान उठाव करने में जानबूझकर देरी किए जाने पर अनुबंध की शर्तों के अनुसार शासन द्वारा सभी के खिलाफ पेनाल्टी लगाई गई थी। पेनाल्टी की राशि करोड़ों में होने की वजह से राइस मिलर्स द्वारा इस वर्ष अभी तक कस्टम मिलिंग हेतु कोई भी काम नहीं किया गया है।
शुक्रवार को खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के आतिथ्य में जिला खाद्य विभाग व विपणन विभाग द्वारा होटल मयूरा में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में राइस मिलर्स को अब तक नहीं हुए भुगतानों की समीक्षा की गई।
बैठक में खाद्य अधिकारी रविन्द्र सोनी, जिला विपणन अधिकारी आरपी पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी, राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल, सचिव मुकेश मित्तल, अनिल अग्रवाल सहित अन्य पदाधिकारी एवं राइस मिल संचालक उपस्थित थे।

समीक्षा की जगह स्वागत समारोह
समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान को समय पर उठाव न कर पेनाल्टी के दायरे में फंसे राइस मिलर्स ने शुक्रवार को खाद्य मंत्री अमरजीत भगत को खुश करने के लिए स्वागत समारोह के बहाने एक निजी होटल में आमंत्रित किया था। बैठक में समीक्षा शुरू होने से पहले ही राइस मिलर्स द्वारा अपनी समस्याओं का राग अलापना शुरू कर दिया गया।
शासन स्तर पर राइस मिलर्स की समस्याओं के निराकरण के लिए हो रही पहल को लेकर सबसे पहले नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक आरपी पाण्डेय ने अपनी बातें रखीं। इसके बाद खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने राइस मिलरों को नसीहत दी गई बेहतर काम करिए, किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी।
उनकी समस्याओं को लेकर वे खुद गम्भीर हैं। अधिकारियों की बैठक लेकर समीक्षा की गई है। सभी लेनदारी व देनदारी का भुगतान शासन के नियमानुसार करने की व्यवस्था की जा रही है।


राइस मिलरों ने रखी दलील
स्वागत के पश्चात एसोसिएशन की ओर से सीधे उन मुद्दों को रखना शुरू कर दिया गया जिस कारण कथित रूप से वे परेशानी में है। राइस मिलरों की ओर से खाद्य मंत्री के समक्ष दलील दी गई कि धान की कस्टम मिलिंग की राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
परिवहन में देरी के कारण उन पर पेनाल्टी अधिरोपित किया जा रहा है जबकि यह जिम्मेदारी परिवहनकर्ता की होनी चाहिए। राइस मिलरों का कहना था कि सरगुजा जिले में चावल के भंडारण के लिए गोदाम की कमी है। प्रोत्साहन राशि भी प्रदान नहीं की गई है। बैंक गारंटी का भुगतान भी नहीं हो रहा है। चावल भंडारण क्षमता की कमी के कारण राइस मिलर भी परेशान रहते हैं ।

रायगढ़ की बजाय अंबिकापुर से मिलेगा चावल
रायगढ़ से कस्टम मिलिंग का चावल जशपुर जाता है इसमें परिवहन खर्च 35 से 40 करोड़ रुपए हो जाता है। इस खर्च को कम करने के लिए सरगुजा क्षेत्र का चावल जशपुर भेजने का निर्णय लिया गया है, इससे सरगुजा में कस्टम मिलिंग का चावल दूसरे जिले में जाने लगेगा और यहां भंडारण को लेकर ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी।
उन्होंने कहा कि सीतापुर में गोदाम का निर्माण किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि राइस मिलरों को प्रोत्साहित करने के लिए अब सरगुजा संभाग में भी उसना चावल का उपार्जन करने का निर्णय लिया गया है। भारतीय खाद्य निगम को उसना चावल खरीदी के लिए आवश्यक निर्देश दिये जायेगें।

इस कारण लगी थी पेनाल्टी
सरगुजा जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बाद समय पर धान का उठाव शुरू नहीं किया गया था। कस्टम मिलिंग में तेजी लाने के लिए प्रशासन को सख्ती बरतनी पड़ी थी। कुछ राइस मिलों को सील करना पड़ा था। इसके बाद हड़बड़ाये राइस मिलरों ने कस्टम मिलिंग में तेजी लाई थी।
चावल रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण परेशानी उत्पन्न हुई थी। राइस मिलरों द्वारा समयबद्ध तरीके से धान का उठाव और कस्टम मिलिंग नहीं करने के कारण शासन स्तर से उन पर पेनाल्टी अधिरोपित किया गया है। इसी वजह से राइस मिलर भुगतान के लिए बिल नहीं लगा रहे हैं। उनकी कोशिश है कि पेनाल्टी न लगे और उन्हें पूरा भुगतान मिल सके। बताया जा रहा है कि 10 करोड से अधिक का भुगतान लंबित है।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.