25 वर्षीय भाग्या थापा पति आकाश थापा सूरजपुर जिले के सिलफिली थाना क्षेत्र के ग्राम मदनपुर की रहने वाली है। वह नौ माह की गर्भवती थी। तीन दिन पूर्व प्रसव पीड़ा होने पर उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमसीएच में भर्ती कराया गया। यहां जांच के बाद चिकित्सकों ने बताया कि महिला सिकलसेल से पीडि़त है इस कारण इसके शरीर में खून की कमी है।
पुष्टि करने में भी लगा समय
महिला के पेट में शुक्रवार की सुबह जब बच्चा हलचल करना बंद कर दिया तो उसे अनहोनी का अनुभव हुआ। महिला ने इसकी जानकारी पति को दी। जब पति ने इसकी जानकारी अस्पताल के कर्मचारी को दी तो चिकित्सक ने इसकी जांच की। इस दौरान चिकित्सक को पुष्टि करने में भी परेशानी हुई और परिजन को सोनोग्राफी कराने की सलाह दी। शनिवार होने के कारण सोनोग्राफी कक्ष अस्पताल का बंद था। अंत: में काफी देर बाद महिला चिकित्सक द्वारा गर्भ में बच्चे की मौत की पुष्टि की गई।
महिला की भी जान खतरे में
महिला के गर्भ में शुक्रवार की दोपहर बच्चे की मौत होने के बाद भी उसे ऑपरेशन कर बाहर निकाला नहीं गया। चिकित्सकों ने सिकलसेल से पीडि़त होने के कारण ऑपरेशन करना संभव नहीं बताया और परिजन को इतना सब कुछ होने के बाद भी संजीवनी 108 के लिए देर रात तक इंतजार करना पड़ा। शुक्रवार की शाम को महिला को संजीवनी से रायपुर ले जाया गया।
एंबुलेंस व्यवस्था कराना हमारी जिम्मेदारी नहीं
महिला के शरीर में मात्र 6 ग्राम हिमोग्लोबिन था। महिला सिकलसेल व पीलिया से पीडि़त थी। इस कारण गर्भवती महिला को यहां से रेफर कर दिया गया था। महिला तीन दिन से भर्ती थी। एंबुलेंस व्यवस्था करना हमारी जिम्मेदारी नहीं है।
अलख वर्मा, उप अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज अस्पताल
हमें नहीं है जानकारी
इस मामले की हमें जानकारी नहीं है। कंट्रोल को फोन जाने पर जानकारी दी जाती है लेकिन मुझे इस तरह की कोई जानकारी नहीं है। जानकारी होने पर शुक्रवार की शाम पीडि़ता को संजीवनी 108 से रायपुर ले जाया गया है।
विनय कुमार शर्मा, संजीवनी प्रभारी
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