अंबिकापुर. संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय आए दिन नए-नए कारनामे करता है। लापरवाही ऐसी होती है कि छात्र-छात्राएं अपनी भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिससे छात्र-छात्राओं व संगठनों को विवि के खिलाफ आंदोलन करना पड़ा है। ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है।
इसमें विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षार्थियों के अंकपत्र में बड़ी लापरवाही की है। एमए हिन्दी के परीक्षार्थियों ने पत्रकारिता की परीक्षा दी थी लेकिन विश्वविद्यालय ने उन्हें जो मार्कशीट जारी की वह किसी दूसरे विषय यानि भारतीय मूल भाषा पालि की। इस संबंध में छात्राओं का कहना है कि विश्वविद्यालय ने लापरवाही बरती है।
सरगुजा विश्वविद्यालय के नाम से जारी अंकपत्र के सन्दर्भ में शासकीय राजमोहिनी देवी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय की छात्रा हेमावती, तेरेशा तिर्की, शायेरा एक्का, रीना, इन्दमती, और चन्द्रकला कश्यप ने बताया कि परीक्षा के दौरान उन्हें अवगत कराया गया था कि भारतीय मूल भाषा पालि की परीक्षा नहीं होगी।
सीबीसीएस में हिन्दी के पाठ्य़क्रम में बदलाव किया गया है। बदलाव के बाद पत्रकारिता का प्रश्न पत्र होगा। विश्वविद्यालय ने चतुर्थ सेमेस्टर के भारतीय मूल भाषा के प्रश्नपत्र को रद्द कर दिया था। छात्राओं ने रद्द परीक्षा के स्थान पर पत्रकारिता की परीक्षा दी।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि छात्राओं को भारतीय मूल भाषा पालि विषय पढ़ाया गया लेकिन परीक्षा पत्रकारिता की ली गई। गलती सुधारी लेकिन पोर्टल में नहीं किया सुधार विश्वविद्यालय प्रशासन ने गलतियों को सुधारते हुए पत्रकारिता की परीक्षा आयोजित कराई लेकिन पोर्टल पर इसे नहीं सुधारा गया। सीबीसीएस एमए हिन्दी का अंकपत्र छात्राओं को मिला तो वे हैरत में पड़ गईं।
छात्राओं का कहना था कि जिस भारतीय मूल भाषा पालि की परीक्षा ही नहीं हुई है, उसका अंकपत्र में दर्ज होना बड़ी विसंगति को दर्शाता है।