लुण्ड्रा विकासखंड के ग्राम बिरनीबेड़ा निवासी अंकित तिग्गा उर्फ मोहाजुद्दीन अंसारी अपने आपको
रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक का प्रबंधक बताकर थोर, लब्जी के कुछ युवाओं को रायपुर के बिजली विभाग में भृत्य की नौकरी दिलाने की बात करता था। वह गांव के ही कुछ लोगों का परिचित था।
इसकी वजह से कुछ युवक उसके झांसे में आ गए। अक्टूबर 2017 को ग्राम अड़ची निवासी मनोज कुमार मंडावी ने शिवकुमार को फोन करके बताया कि रायपुर से अंकित तिग्गा से बात हुई थी। उसने कहा है कि रायपुर मंत्रालय में बिजली विभाग में भृत्य के पद पर भर्ती की जानी है। इसके लिए रुपए देना होगा।
युवकों ने झांसे में आकर अंकित तिग्गा के कहने पर महेन्द्रा बस के खलासी लमगांव निवासी इकरामुल अंसारी उर्फ भूल्ला को शिवकुमार ने 2 लाख रुपए दिए थे। इसके बाद शेष राशि 45 हजार रुपए लब्जी निवासी उदयभान के बैंक खाते में डाला था। इसके साथ ही मनोज मंडावी ने 2 लाख रुपए सीधे अंकित तिग्गा को दिए थे। उदयभान पोर्तें ने भी अंकित को 1 लाख 60 हजार रुपए दिए थे।
अंकित तिग्गा जब गांव आया था, तब उसने कहा था कि बिजली विभाग में लगभग 70 पद भृत्य के रिक्त हैं, जिसमें भर्ती होनी है। इसके साथ ही गांव के कई युवकों से भी अंकित तिग्गा व इकरामुल अंसारी ने नौकरी लगाने का झांसा देकर रुपए वसूल लिए थे।
बार-बार जब ठगी के शिकार हुए युवकों द्वारा नौकरी के संबंध में बात की गई तो उसने इनकार कर दिया और रुपए लौटाने की बात करने लगा। लेकिन उसने आज तक एक भी रुपए नहीं दिया। युवकों की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने बुधवार को मामले में धारा 420 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया है।