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अंबिकापुर

हथिनी का 5 दिन पुराने मिले शव के मामले में बलरामपुर डीएफओ की छुट्टी, एसडीओ-रेंजर समेत 4 सस्पेंड

Four forest officials suspended: बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत गोपालपुर व अर्तारी सर्किल के दरबारी महुआ जंगल में 6 जून को हुई थी हथिनी की मौत लेकिन वन विभाग को 11 जून को चला था पता

अंबिकापुरJun 14, 2020 / 03:03 pm

rampravesh vishwakarma

हथिनी का 5 दिन पुराने मिले शव के मामले में बलरामपुर डीएफओ की छुट्टी, एसडीओ-रेंजर समेत 4 सस्पेंड

Elephant dead body in Rajpur forest

अंबिकापुर. बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र में हथिनी की मौत के 5 दिन बाद शव मिलने के मामले को वन मंत्री समेत आला अधिकारियों ने गंभीरतापूर्वक लेते हुए बलरामपुर डीएफओ को जहां हटा दिया गया, वहीं एसडीओ, रेंजर, वनरक्षक व परिक्षेत्र सहायक को सस्पेंड कर दिया गया है। (Four forest officials suspended)
वन विभाग द्वारा शनिवार की देर रात ताबड़तोड़ की गई इस कार्रवाई से सरगुजा संभाग में हडक़ंप मचा हुआ है। अब लोग इस बात को लेकर भी चर्चा करने लगे हैं कि सूरजपुर वनमंडल के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के गणेशपुर में मिली 2 हथिनियों की मौत मामले में यहां के अधिकारियों-कर्मचारियों पर कब कार्रवाई होती है।

गौरतलब है कि बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत गोपालपुर के अतौरी सर्किल के दरबारी महुआ में 11 जून की सुबह एक हथिनी का शव मिला था। हथिनी की मौत 6 जून को ही हो गई थी लेकिन विभाग को 5 दिन बाद पता चला। इस मामले को घोर लापरवाही मानते हुए वनमंत्री के निर्देश पर पीसीसीएफ ने बलरामपुर डीएफओ प्रणय मिश्रा को हटा दिया है।
उनके स्थान पर लक्ष्मण सिंह बलरामपुर के नए डीएफओ होंगे। वहीं डीएफओ को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 7 दिन के भीतर जवाब मांगा गया है।

इसके अलावा एसडीओ केएस खुटिया, राजपुर रेंजर अनिल सिंह, अतौरी पश्चिम के वनरक्षक भूपेंद्र सिंह व गोपालपुर परिक्षेत्र सहायक राजेंद्र प्रसाद तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। राज्य शासन द्वारा बलरामपुर वनमंडल अंतर्गत यह पहली बड़ी कार्रवाई है। इस कार्रवाई से वन विभाग के अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों में हडक़ंप मचा हुआ है।

कारण बताओ नोटिस में ये लिखा
डीएफओ को जारी कारण बताओ नोटिस में लिखा है कि 6 जून को हथिनी की मौत हो गई थी लेकिन विभाग को इसकी जानकारी 11 जून को हुई, तब तक शव सडक़ चुका था।
मानव व हाथी द्वंद्व नियंत्रण कार्य में यह घोर लापरवाही बरती गई है। शासकीय कार्य के प्रति उदासीनता तथा बरती गई लापरवाही अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के नियम 3 का स्पष्ट उल्लंघन है। ऐसे में क्यों न अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।

प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में भी 2 हथिनियों की हुई है मौत
गौरतलब है कि प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में भी गर्भवती समेत 2 हथिनियों का शव 9 व 10 जून को मिला था। प्रसव पीड़ा से तड़प रही गर्भवती हथिनी द्वारा 8 जून की रात चिंघाड़ लगाए जाने के बाद भी वन विभाग द्वारा उसकी सुध नहीं ली गई थी, अगले दिन उसका शव मिला था। वहीं दूसरी हथिनी का शव 10 जून की सुबह उसी स्थान पर मिला था। इस मामले में भी जिम्मेदारों पर कार्रवाई अभी बाकी है।
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