अंबिकापुर

Video : बेरोजगारों को सरकारी नौकरी का नियुक्ति-पत्र देकर वसूल चुके थे करोड़ों रुपए, गिरोह के सरगना समेत 3 सदस्य गिरफ्तार

शासकीय वेब पोर्टल से डाटा चोरी कर जारी करते थे नौकरी, सरगना को पुलिस ने दिल्ली से धरदबोचा, कृषि विभाग में नौकरी पाने में असफल अभ्यर्थियों को बनाने जा रहे थे अपना शिकार

अंबिकापुरFeb 20, 2019 / 07:01 pm

rampravesh vishwakarma

Swindle gang arrested

अंबिकापुर. शासकीय वेब पोर्टल से डाटा चोरी कर असफल हुए अभ्यर्थियों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले बड़े अंतरराज्यीय गिरोह के मुख्य सरगना सहित 3 सदस्यों को सरगुजा पुलिस ने दिल्ली से धरदबोचा है। पुलिस ने युवकों के पास से नगद 51 हजार 500 रुपए, एटीएम कार्ड, मोबाइल, कागजात व मुथुट फायनेंस में जमा पर्ची भी बरामद किया है।
गिरोह द्वारा इसके पूर्व राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, बिहार के हजारों युवकों को ठगी का शिकार बनाते हुए करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने के मामले का भी खुलासा हुआ है। इस संबंध में सरगुजा एसपी ने सभी राज्य के पुलिस अधिकारियों से बात भी की है।
 

एसपी सदानंद कुमार ने बताया कि ग्राम खैरबार निवासी रामकेवल लकड़ा ने पुलिस को बताया था कि फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करते हुए उसके एवज में फीस संबंधित बैंक खाते में जमा करने को कहा गया था। इसके लिए फर्जी नियुक्ति पत्र में अंकित संबंधित मोबाइल नम्बर पर संपर्क करने को कहा जाता था।
नियुक्ति-पत्र को नियुक्ति पत्र वेरिकेशन विभाग लिखते हुए जारी किया जाता था और उसमें उल्लेखित राशि 16 हजार 500 रुपए आवश्यक रूप से सात दिवस के अंदर जमा करने के निर्देश दिया जाता था। इस नियुक्ति पत्र में एक फार्म का प्रोफार्मा चौकीदार, वाहन चालक, चपरासी व भृत्य की भर्ती वेतन 22500 से 32400 रुपए तक देने का हवाला दिया जाता था।
सरगुजा में कृषि उपज मण्डी, छत्तीसगढ़ शासन के वेब पोर्टल से इंटरनेट के माध्यम से लेटर हेड व ईमेल आईडी की चोरी कर सभी को विधिवत पते पर भेजकर ठगी का शिकार बनाने की शिकायत की थी। पुलिस ने मामले में अज्ञात के खिलाफ 420, 467, 468, 471 के तहत जुर्म दर्ज करते हुए विवेचना शुरू कर दी थी।
 

साइबर से मिली जानकारी
पुलिस ने जब साइबर सेल में जाकर तथ्यों को खंगालना शुरू किया तो पूरा मामला सामने आने लगा। नियुक्ति पत्र में लिखे कांटेक्ट नम्बर पर जाकर पुलिस ने सम्पर्क किया और जानकारी एकत्रित करने के लिए अभ्यर्थी बनकर आरोपियों से संपर्क किया। गौरतलब है कि कृषि विभाग छत्तीसगढ़ शासन के वेब पोर्टल पर चौकीदार, वाहन चालक, चपरासी व भृत्य के पदों के लिए प्रदेश के सभी जिले के लिए वर्ष 2017 में शासन द्वारा प्रक्रिया पूरी की गई थी।
इसमें असफल हुए अभ्यर्थी में रामकेवल लकड़ा का भी नाम था। तब पुलिस ने संबंधित नम्बर को खंगालना शुरू किया तो पता चला कि वह उत्तरप्रदेश का है। इसकी जानकारी लगते ही पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु रवाना हो गई।

गरीब बेराजगारों को जारी करते थे नियुक्ति-पत्र
आरोपियों द्वारा हमेशा गरीब बेरोजगारों को अपना शिकार बनाया जाता था। छत्तीसगढ़ के कृषि विभाग के वेब पोर्टल से डाटा निकालकर लगभग २०० युवकों को बकायदा शासन के सील मोहर लगे पत्र को जारी करते हुए 7 दिवस का समय दिया गया था। सभी युवकों को जीई रोड, तेलीबंधा रायपुर बुलाया गया था। बुधवार को 7 दिवस का समय समाप्त हो रहा था।
रायपुर के कृषि विभाग में काफी संख्या में युवक बुधवार को एकत्रित भी हो गए थे। लेकिन पुलिस ने मंगलवार को ही गिरोह के सरगना को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल नहीं होती तो बुधवार को पूरा गिरोह युवकों को ठगी का शिकार बनाकर रायपुर से निकल जाता। सरगुजा सहित आसपास के क्षेत्रों के ५० युवकों से गिरोह द्वारा 6 लाख रुपए की ठगी की जा चुकी है।

इन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
सरगुजा पुलिस की विशेष टीम ने गिरोह के सरगना उत्तरप्रदेश बागपत के ग्राम टटहरी निवासी 29 वर्षीय गौतम सोलंकी पिता ओमदत्त को मोबाइल लोकेशन के आधार पर दिल्ली से मंगलवार की रात को गिरफ्तार किया।
उसके पास से 51 हजार 500 रुपए नगद, 4 एटीएम कार्ड, २ नग पेन ड्राइव, 5 नग मोबइल, कागजात व मुथुट फायनेंस में 92 हजार की जमा पर्ची भी बरामद किया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उत्तरप्रदेश के जिला ब्रम्हपुरी के बागड़ी मोहल्ला माता बाग निवासी 27 वर्षीय अजय कुमार पिता बादराम व 29 वर्षीय नसीम अंसारी पिता सहूत अंसारी को गृहक्षेत्र से गिरफ्तार किया।

कई राज्यों में दे चुके हैं वारदात को अंजाम
आरोपियों ने सबसे पहले राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ वर्ग में नौकरी देने के नाम पर विज्ञापन जारी कर 200 लोगों से लगभग २५ लाख रुपए की ठगी की थी। इस मामले में आरोपी गौतम सोलंकी को गिरफ्तार किया गया था। जो न्यायालय के आदेश पर अग्रिम जमानत पर है।
हिमाचल प्रदेश में जिला न्यायालय में चपरासी के पद पर आवेदन देने वाले आवेदकों की जानकारी वेब पोर्टल से निकालकर ५० लोगों से 6 लाख की ठगी की थी। इसमें आरोपी गौतम सोलंकी फरार है। जबकि गिरोह का सदस्य शिवम व पप्पू गिरफ्तार हो चुके हैं। झारखंड में नर्सिग का विज्ञापन जारी कर इनके द्वारा आवेदन लिए गए थे।
आरोपियों द्वारा नर्सिंग की आवेदिकाओं को ठगी का शिकार बनाया था। बिहार में चतुर्थ वर्ग के भर्ती में 100 आवेदिकाओं से लगभग 10 लाख रुपए की ठगी की गई थी। इसके साथ ही आरोपी गौतम छत्तीसगढ़ के बालोद जेल में डेढ़ वर्ष से बंद था। वहां से छूटने के बाद वह अपने साथियों को वारदात को अंजाम देने के लिए बुलाया था।

लगातार आते रहे फोन
आरोपियों के कहने पर कई युवक रायपुर पहुंचकर उन्हें फोन कर रहे थे। एसपी के सामने भी सीतापुर निवासी एक युवक का फोन आया। उससे पुलिस ने मुख्य आरोपी को बात भी कराई। इसके बाद एसपी ने युवक को बताया कि आप जिससे बात कर रहे थे वह आरोपी है और पुलिस गिरफ्त में है।

आईजी व एसपी ने की पुरस्कार की घोषणा
आईजी हिमांशु गुप्ता द्वारा एसपी सदानंद कुमार के मार्गदर्शन में आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु स्पेशल टीम बनाई गई थी। टीम में कोतवाली टीआई विनय बघेल, गांधीनगर टीआई विनीत दुबे, एसआई चितरंजन साहू, एएसआई विनय सिंह, प्रधान आरक्षक शत्रुघन सिंह, आरक्षक उपेंद्र सिंह, राकेश शर्मा,
अमृत सिंह, विरेन्द्र पैकरा, अनुज जायसवाल, अरविंद उपाध्याय, संजीव चौबे व स्मिता रागिनी को शामिल किया गया था। एसपी ने अपनी तरफ से इस सफलता के लिए 10 हजार रुपए नगद व आईजी हिमांशु गुप्ता द्वारा 35 हजार रुपए के पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है।

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