70 प्रतिशत किसानों ने सीधे बोआई की है। सीधे बोई गई फसल पानी की कमी और घास उग आने से बर्बाद हो गई है। किसानों का थरहा अब उत्पादन योग्य नही रहा। ज्यादातर किसानों की नर्सरी 50 दिन से ज्यादा पुरानी हो गई है। अवर्षा की स्थिति को देखते हुए खरीफ सीजन के लिए कुलथी, मूंग आदि के बीज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए।
जिपं उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने रबी सीजन की अग्रिम तैयारी करने कहा है। उन्होंने किसानों की मांग के अनुसार सरसो, तोरिया, मटर, चना, मूंग के बीज का भंडारण सभी विकासखण्डों में करने का निर्देश दिया। उद्यान विभाग के अधिकारियों ने बताया वर्तमान में मौसम उद्यानिकी के लिए कमोवेश उपयुक्त है।
उद्यान विभाग को किसानों के लिए पोषण किट, नर्सरी के साथ-साथ मेलचिंग नेट की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही गई। मत्स्य विभाग को मछली पालन की तैयारी करने कहा गया है। सामान्य प्रशासन की बैठक में जिपं सदस्य राकेश गुप्ता, सरला सिंह, अनिमा केरकेट्टा, सुनील बखला सहित सदस्यगण उपस्थित थे।
फसल बीमा का ऐसा है हाल
जिला पंचायत सदस्यों ने समवेत स्वर में कहा कि जिले के एक लाख चालीस हजार किसानों में से 36 हजार ऋणी किसानों और 5 हजार अऋणी किसानों का ही फसल बीमा हो सका है।जबकि 95 हजार से ज्यादा किसान पीएम किसान सम्मान योजना के लिए पंजीकृत हंै। करीब 54 हजार ऐसे किसान है जिन्हें फसल बीमा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसी कार्ययोजना तैयार करें जिससे सभी को लाभ मिल सके।