शहर के मानिकप्रकाशपुर निवासी चंद्रभागा बड़ा (49) की पोती सोफिया (6) सिकलिन पीडि़त है। इसके माता-पिता का निधन हो चुका है। इसके बाद से उसकी दादी ही पालन-पोषण कर रही है। वह माता-पिता दोनों का फर्ज निभा रही है। बालिका की बेहतर देखरेख सहित शिक्षा और उसे गंभीर बीमारी से बचाए रखने के लिए चंद्रभागा के हौसले में कभी कोई कमी नहीं आई। चूंकि सोफिया सिकलिन पीडि़त है इसलिए उसे हर महीने रक्त की जरूरत पड़ती है। ये संयोग ही है कि सोफिया व उसकी दादी का ब्लड ग्रुप एक ही है। सिकलिन पीडि़त पोती की जान बचाने के लिए चंद्रभागा अब तक 20 से अधिक बार रक्तदान कर चुकीं हैं। उन्होंने बताया कि बच्ची को लगभग हर महीने रक्त चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है। इसके मामा व अन्य रिश्तेदार भी समय-समय पर रक्तदान करते हैं।
बी पॉजिटिव है ब्लड ग्रुप
ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. विकास पांडेय ने बताया कि दादी-पोती का ब्लड ग्रुप बी-पॉजिटिव है। पोती को जब ब्लड चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है तो दादी स्वयं या अपने घर के किसी परिवार से रक्तदान कराती हैं। बाहर किसी अन्य व्यक्ति का वह रक्त अपनी पोती को चढ़ाना नहीं चाहती है।