Road scam: भाजपा (BJP) ने दी आंदोलन की चेतावनी, वन विभाग (Forest department) के माध्यम से कराया जाना था सड़क निर्माण, पूरी लागत राशि भी कागजों में खर्च, मुश्किल में 18 गांव के लोग
Scam in Mainpat road
अंबिकापुर. मैनपाट (Mainpat) के अधिकांश ग्रामों का बारिश के समय जनपद मुख्यालय से संपर्क टूट सा जाता है। इस गंभीर समस्या के मद्देनजर स्थानीय लोगों की मांग पर वर्ष 2018 के मैनपाट कार्निवाल के समापन कार्यक्रम में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कंडराजा से पेंट तक लगभग 3 किमी सड़क निर्माण की स्वीकृति दी थी।
इस काम को 1 करोड़ 39 लाख की लागत से वन विभाग (Forest department) के माध्यम से कराया जाना था। लेकिन ठेकेदार ने महज 900 मीटर सड़क का घटिया काम कर छोड़ दिया। यही नहीं पांच साल पूर्व भी इस सड़क पर डीएमएफ मद से 45 लाख रुपए खर्च किए गए थे।
1 करोड़ 84 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी सड़क का काम आज भी अधूरा है। कुल मिलाकर ये पूरा काम भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गया व राशि गबन कर ली गई। इसी मामले को लेकर अब मैनपाट भाजपा मंडल ने मोर्चा खोल दिया है व आंदोलन की चेतावनी (Warning) दी है।
मैनपाट के 18 गांव के ग्रामीणों की मांग पर मैनपाट कार्निवाल 2018 के समापन कार्यक्रम में पहुंचे तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Former CM Dr. Raman Singh) ने सड़क निर्माण हेतु 1 करोड़ 34 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की थी। चूंकि ग्राम पंचायत कंडराजा से पेंट तक जो सड़क का निर्माण किया जाना था वह वन भूमि थी।
इसकी वजह से सड़क निर्माण की जवाबदारी भी वन विभाग को दी गई थी। नियमानुसार यह पूरा काम वन विभाग को कराना था। लेकिन सड़क निर्माण हेतु बिना किसी टेंडर के ही ठेकेदार के माध्यम से काम कराया गया। ठेकेदार ने भी महज 900 मीटर सड़क का निर्माण कर पहली किश्त की पूरी राशि 52 लाख रुपए भी जारी करा लिए।
इसके बाद काम पूरा नहीं हुआ। वहीं 900 मीटर का काम भी घटिया हुआ। उसकी न तो उचित मोटाई है और न ही इसमें निर्धारित गिट्टी का उपयोग किया गया है। इससे 900 मीटर की सड़क भी अब खस्ताहाल हो गई है।
डीएमएफ मद से भी खर्च की थी राशि 1 करोड़ 39 लाख के अलावा वन विभाग ने वर्ष 2015-16 में डीएमएफ मद से भी 45 लाख रुपए सड़क पर खर्च किए थे। 1 करोड़ 84 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी वन विभाग उक्त सड़क को न तो पूरा कर सका और न ही चलने लायक बना सका। कुल मिलाकर सड़क निर्माण का कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया व इतनी बड़ी राशि गबन कर ली गई।
ये गांव होते हैं प्रभावित सड़क नहीं होने की वजह से मैनपाट ब्लॉक मुख्यालय आने के लिए 18 गांव के लोगों को विशेषकर बारिश के मौसम में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पीडिय़ा, हर्राकरा, जामकानी, जरमढोंढ़, कोटछाल, चैनपुर, कुनकुरी, खडगांव, डागबुड़ा, स्लाइनगर, राजापुर, बिलाइढोढ़ी, चिरापारा सहित अन्य गांव के लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इन गांव में रहने वाले लोगों को सीतापुर काराबेल व वंदना होते हुए किसी भी काम के लिए मैनपाट पहुंचना पड़ता है। इस मार्ग से आने पर लगभग 80 किमी का अतिरिक्त सफर लोगों को तय करना पड़ता है। जबकि पूर्ण सड़क निर्माण हो जाने से महज 10 किमी का सफर तय करना होगा।
भाजपा ने दी धरने की चेतावनी मैनपाट भाजपा मंडल ने सड़क निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार को लेकर दोषियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। मैनपाट मंडल अध्यक्ष रजनीश पांडे, जिला पंचायत सदस्य विमला पैंकरा व तराई क्षेत्र के ग्रामीणों ने कलक्टर को लिखित शिकायत कर बताया है कि सड़क निर्माण की पूरी राशि फर्जीवाड़ा कर आहरित करने के बाद गबन कर ली गई है।
उस समय वन विभाग ने सड़क बनाना स्वीकार किया था, अब इस कार्य से मुकर रहा है। अगर १५ दिन के भीतर सड़क का कार्य शुरू नहीं किया गया तथा दोषियों पर आपराधिक प्रकरण व गबन की राशि वसूली नहीं गई तो ३ फरवरी से ग्राम पेंट में धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।