आनन-फानन में उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी चंद घंटे में ही मौत हो गई। युवक की मौत से परिजनों में मातम पसर गया है।
अंबिकापुर-बिलासपुर नेशनल हाइवे पर शहर से लगे ग्राम बरढोढ़ी निवासी फुंदी दास 40 वर्ष मंगलवार की रात अपने घर की परछी में सो रहा था। आधी रात उसे एहसास हुआ कि उसके दाहिने हाथ पर किसी ने काटा है। वह हड़बड़ा कर उठ बैठा तो तेज जलन हो रही थी। उसने लाइट जलाकर देखा तो पास में ही एक सांप भी पड़ा हुआ था।
अंबिकापुर-बिलासपुर नेशनल हाइवे पर शहर से लगे ग्राम बरढोढ़ी निवासी फुंदी दास 40 वर्ष मंगलवार की रात अपने घर की परछी में सो रहा था। आधी रात उसे एहसास हुआ कि उसके दाहिने हाथ पर किसी ने काटा है। वह हड़बड़ा कर उठ बैठा तो तेज जलन हो रही थी। उसने लाइट जलाकर देखा तो पास में ही एक सांप भी पड़ा हुआ था।
उसे यह समझते देर नहीं लगी कि उसे सांप ने डस (Snake bite) लिया है। हाथ में काटने की जगह पर देखा तो सांप डसने का निशान बना हुआ था। इसके बाद उसने शोर मचाकर घरवालों को जगाया।
आनन-फानन में उसे रात में मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical college hospital) में भर्ती कराया गया। यहां इलाज के दौरान कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई।
हर साल दर्जनों लोग होते हैं सर्पदंश का शिकार
गौरतलब है कि सरगुजा संभाग के सरगुज, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया व जशपुर जिले में हर साल सर्पदंश (Snake bite) से दर्जनों लोगों की मौत हो जाती है। अधिकांश मौतें बारिश के दिनों में जमीन पर सोने के दौरान सांप के डसने से होती है।
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हर साल दर्जनों लोग होते हैं सर्पदंश का शिकार
गौरतलब है कि सरगुजा संभाग के सरगुज, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया व जशपुर जिले में हर साल सर्पदंश (Snake bite) से दर्जनों लोगों की मौत हो जाती है। अधिकांश मौतें बारिश के दिनों में जमीन पर सोने के दौरान सांप के डसने से होती है।
प्रशासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जमीन पर नहीं सोने जागरुक किया जाता है लेकिन गरीबी के कारण खाट या चौकी की व्यवस्था न होने पर जमीन पर ही सो जाते हैं।