मामले की शिकायत युवक के पिता ने बलरामपुर थाने में 17 मई को दर्ज कराई थी। कोई कार्रवाई नहीं होने पर उसने इसकी शिकायत कमिश्नर व आईजी से की है। गौरतलब है कि मामला सामने आने के बाद अधिकारियों द्वारा युवक को बलरामपुर क्वारेंटाइन सेंटर से डौरा स्थित सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया है।
कमिश्नर व आईजी से की गई शिकायत में बलरामपुर जिले के वार्ड क्रमांक-7 निवासी चंद्रिका गुप्ता ने बताया है कि उसका पुत्र दिलीप गुप्ता 15 मई को दिल्ली से लौटा था। उसने प्रशासन का सहयोग करते हुए खुद बलरामपुर क्वारेंटाइन सेंटर में चला गया था। सेंटर में न ढंग से खाने की व्यवस्था थी और न शौचालक की।
इसकी शिकायत उसने देखरेख में लगे कर्मचारियों से कर व्यवस्था सुधरवाने की मांग की थी। व्यवस्था में सुधार न होने पर उसने वहां का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया था। इसी बीच 16 मई की रात करीब 11 बजे तहसीलदार शबाब खान व जनपद सीईओ विनय गुप्ता क्वारेंटाइन सेंटर पहुंचे और दिलीप की पिटाई कर दी।
थाने में शिकायत करने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
चंद्रिका गुप्ता ने शिकायत में बताया कि पुत्र से मारपीट की शिकायत उसने बलरामपुर थाने में 17 मई को की थी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कार्रवाई न होता देख वह सरगुजा कमिश्नर व सरगुजा आईजी से मामले की शिकायत कर रहा है। उसने मामले की जांच कर तहसीलदार व जनपद सीईओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
राज्यसभा सांसद नेताम ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र
गौरतलब है कि इस मामले की शिकायत मिलने के बाद राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने मुख्य सचिव आरपी मंडल को भी पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने मारपीट में शामिल जनपद सीईओ विनय गुप्ता को अन्यत्र स्थानांतरित करने की बात कही है।
उन्होंने लिखा है कि मारपीट की घटना से बलरामपुर जिले में आक्रोश है, ऐसे में कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है। चूंकि सीईओ स्थानीय निवासी है, इस कारण उसे अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए। वहीं मारपीट में शामिल अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।