गौरतलब है कि भगवानपुर निवासी सपन टोप्पो उच्च श्रेणी शिक्षक द्वारा बुधवार को कोतवाली में जुर्म दर्ज कराया गया था। उसकी बाइक क्रमांक सीजी 15 सीएम 4093 राहुल सोनी पिता रामचंद्र सोनी को उसने 22 जुलाई 2017 को 48 हजार रुपए में बिक्री कर दी थी। इसके बदले राहुल सोनी द्वारा भारतीय स्टेट बैंक का ५० हजार रुपए का चेक उसके बेट अमन टोप्पो के नाम से दिया था।
जब भुगतान के लिए चेक बैंक में प्रस्तुत किया गया तो उसे पता चला कि उक्त खाता चार वर्ष पूर्व बंद हो गया है। इसके साथ ही गांधीनगर थाने में भी बुधवार को एक मामला राहुल सोनी के खिलाफ दर्ज हुआ था। उसमें देशवंत मेहर द्वारा रिपोर्ट लिखाई गई थी कि उसने ओएलएक्स पर अपनी बाइक अपाचे बेचने के लिए ऑनलाइन विज्ञापन डाला था। विज्ञापन देख एक अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल पर उससे सम्पर्क किया।
उसने बाइक लेकर संगम चौक पर बुलाया और उसका ट्रायल लेने की बात कही। इसके बाद वह बाइक लेकर फरार हो गया। इसकी जानकारी लगते ही आईजी हिमांशु गुप्ता ने मामले को संज्ञान में लिया और इस संबंध में एसपी सदानंद कुमार को जांच करने कहा। एसपी के निर्देश पर एडिशनल एसपी रामकृष्ण साहू व सीएसपी आरएन यादव के मार्गदर्शन में एक टीम का गठन कर आरोपी की पतासाजी तेज कर दी गई थी।
टीम में कोतवाली पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच व साइबर सेल को लगाया गया था। दोनों मामले में शिकायतकर्ता ने नामजद जुर्म दर्ज कराया था। इसपर पुलिस ने जब मामले की छानबीन शुरू की तो पता चला कि दरिमा के ग्राम करजी निवासी २७ वर्षीय राहुल सोनी उर्फ रोहित पिता रामचंद्र सोनी जो कुछ दिनों पूर्व ही जेल से बाहर आया था और वर्तमान में विश्रामपुर के शिवनंदनपुर में किराया के मकान में रह रहा था।
वह आदतन बदमाश है। क्राइम ब्रांच को मुखबिर से जानकारी मिली की आरोपी राहुल सोनी शिवनंदनपुर स्थित अपने घर में है। जानकारी मिलते ही क्राइम ब्रांच व पुलिस की टीम ने राहुल सोनी के शिवनंदनपुर स्थित घर में दबिश देकर धरदबोचा। पुलिस ने जब उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो उसने ठगी करने की बात स्वीकारी।
पुलिस ने राहुल की निशानदेही पर उसके घर से दो बाइक, एक स्कूटी, एक मोबाइल व सिम भी बरामद की। इसके साथ ही उसके साथी सूरजपुर जिले के करवां निवासी अहमद अंसारी व लमगांव निवासी इकरामुलहक अंसारी पिता अब्बास असंारी को गिर$फ्तार किया। इनकी निशानदेही पर इनके पास से एक बाइक, एक स्कूटी व वाहनों से संबंधित दस्तावेज बरामद किया।
पुलिस ने तीनों को न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। कार्रवाई में कोतवाली टीआई विनय सिंह बघेल, एसआई सतीश सोनवारी, सुरेश चंद्र मिंज, एएसआई परशुराम पैंकरा, अजीत मिश्रा, प्रधान आरक्षक कृष्णा सिंह, आरक्षक मन्टू गुप्ता व क्राइम ब्रांच व साइबर सेल से प्रभारी एएसआई भूपेश सिंह, एएसआई विनय सिंह, प्रधान आरक्षक धीरज गुप्ता, धर्मेन्द्र श्रीवास्तव,
रामअवध सिंह, आरक्षक कुन्दन सिंह, भोजराज पासवान, विकास सिंह, बृजेश राय, जयदीप सिंह, अनुज जायसवाल, विरेन्द्र पैकरा, अमित विश्वकर्मा, उपेन्द्र सिंह, दशरथ राजवाड़े, जितेश साहू, मंजीत सिंह, मनीष यादव, अंशुल शर्मा व स्मिता रागिनी शामिल थे।
जमानतदार दिलाने की बात कर की ठगी
आरोपी राहुल सोनी ठगी करने में काफी शातिर है। उसके द्वारा एक व्यक्ति को जमनात दिलाने के नाम पर जमानतदार की व्यवस्था करने की बात की। इसके लिए वह उसका मोबाइल लेकर बात करने लगा और देखते ही देखते वहां से फरार हो गया।
पत्नी के नाम का दिया था चेक
आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी उससे अलग रहती है लेकिन उसने ओएलएक्स पर ऐड देखने के बाद जो चेक देशवंत मेहर को दिया था वह उसकी पत्नी के नाम का था। उसने चेक में कोई रकम नहीं भरा थी। उसमें कैसे 70 हजार रुपए लिख दिया गया वह नहीं बता सकता है।