script1 करोड़ 75 लाख रुपए निकालने बैंक पहुंचा था युवक, जब मैनेजर के सामने आई ये सच्चाई तो…, 2 गिरफ्तार | Young man reached bank to collect 1 crore 75 lakh Rupees, then... | Patrika News
अंबिकापुर

1 करोड़ 75 लाख रुपए निकालने बैंक पहुंचा था युवक, जब मैनेजर के सामने आई ये सच्चाई तो…, 2 गिरफ्तार

पुलिस ने मुख्य आरोपी के साथ उसका सहयोग करने वाले युवक को भी किया गिरफ्तार, मुख्य आरोपी पूर्व में भी कर चुका है धोखाधड़ी

अंबिकापुरMay 08, 2019 / 08:17 pm

rampravesh vishwakarma

Fraud young man arrested

Fraud

अंबिकापुर. एसइसीएल द्वारा भूमि अधिग्रहण करने के लिए ग्राम जगन्नाथपुर के 56 ग्रामीणों का मुआवजा प्रकरण तैयार किया गया था। इसकी सूची एसइसीएल कार्यालय से निकलवाकर एक बुजुर्ग ग्रामीण के नाम का फर्जी दस्तावेज तैयार कर 20 वर्षीय युवक ने 1 करोड़ 85 लाख रुपए केनरा बैंक के खाते में निफ्टी के माध्यम से मुआवजा की राशि प्राप्त की थी।
एक मुश्त बड़ी रकम निकालने पहुंचे युवक पर जब बैंक के मैनेजर को शक हुआ तो गांव में पहुंच युवक व जमीन के संबंध में पूरी जानकारी ली। पूरा मामला फर्जी निकलने के बाद बैंक मैनेजर ने तत्काल इसकी सूचना एसपी को दी। एसपी ने एडिशनल एसपी, सीएसपी व गांधीनगर टीआई को युवक को गिरफ्तार करने निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर 2 लोगों को गिरफ्तार किया।

एसपी सदानंद कुमार ने एसइसीएल की मुआवजा की राशि फर्जी दस्तावेज तैयार कर हड़पने के मामले का खुलासा करते हुए बताया कि ग्राम जगन्नाथपुर में एसइसीएल द्वारा कोल खदान खोला जाना है। इसके लिए ग्रामीणों के जमीन के अधिग्रहण करने की कारवाई की जा रही है। एसइसीएल ने 56 लोगों का लगभग 14 करोड 50 लाख का मुआवजा प्रकरण तैयार कर बिलासपुर भेजा था।
आरोपी अरविंद बेक अपने मित्र कपिल बेक के साथ वर्ष 2017 में उसके मुआवजा प्रकरण के निराकरण हेतु साथ में बिलासपुर गया था। इसी दौरान उसने मुआवजा प्रकरण की सूची देखी थी। सूची में सबसे ज्यादा मुआवजा कमल साय आत्मज फेंकुआ निवासी ग्राम जगन्नाथपुर का था।
कमलसाय का मुआवजा प्रकरण 1 करोड़ 85 लाख रुपए का था। मुआवजा प्रकरण की राशि कैसे प्राप्त की जा सकती है, इसकी पूरी जानकारी लेकर वह वापस लौट गया था। आरोपी अरविंद ने कमलसाय की मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए फर्जी आधार कार्ड अपने मित्र वाहिद हुसैन पिता बदरूददीन निवासी केरता प्रतापपुर के साथ मिलकर फोटो साफ्टवेयर के माध्यम से बना लिया था।
फर्जी आधार कार्ड में कमलसाय की जगह आरोपी अरविंद बेक का फोटो लगा दिया गया। फर्जी आधार कार्ड के आधार पर उसने केनरा बैंक में कमलसाय के नाम का बैंक एकाउंट भी खुलवाया। उसने बैंक में 2 हजार रुपए जमा कर एटीएम प्राप्त कर डेढ़ हजार रुपए निकाल भी लिए।
फर्जी आधार कार्ड के आधार पर आरोपी एसइसीएल बिलासपुर गया, जहां उसने अधिवक्ता ओपी अग्रवाल से सम्पर्क किया। उसने स्वयं को कमल साय बताकर ट्रिब्यूनल कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष मुआवजा प्रकरण पेश किया तथा भुगतान हेतु केनरा बैंक का खाता नंबर दे दिया। इसके पश्चात 1 करोड 85 लाख में से 1 करोड़ 75 लाख 56 हजार 592 रुपए 13 मार्च को आरोपी के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया।
इसकी जानकारी लगने के बाद आरोपी जब बैंक में रुपए निकालने पहुंचा तो मैनेजर को संदेह हुआ। उन्होंने इतनी बड़ी रकम निकालने की वजह पूछी तो उसने कुछ नहीं कहा और मैनेजर से विवाद करना शुरू कर दिया। इसके बाद बैंक मैनेजर ने एकाउंट को होल्ड में डाल दिया और गांव में जाकर अरविंद बेक के संबंध में पूछताछ की।
पूछताछ में पता चला कि कमलसाय जिसके नाम से जमीन है वह 74 वर्षीय बुजुर्ग हैं और उन्हें मुआवजा प्रकरण के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं है। इसकी जानकारी बैक मैनेजर ने तत्काल एसपी सदानंद कुमार को दी।
आइजी केसी अग्रवाल के निर्देशन मे एसपी ने एडिशनल एसपी ओपी चंदेल, सीएसपी आरएन यादव व गांधीनगर टीआई विनित दुबे को आरोपी को पकडऩे के लिए लगाया। पुलिस ने बैंक के बाहर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी करके रखा था। जैसे ही आरोपी बैंक पहुंचा उसे पुलिस ने धर दबोचा।
पुलिस ने आरोपी के बताए अनुसार मामले में सहयोग प्रदान करने वाले वाहिद हुसैन को भी साथ में धारा 120 बी, 420 , 467, 468, 471 के तहत गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई में एएसआई अलंगो दास, विनय सिंह, आरक्षक उपेन्द्र सिंह, राकेश शर्मा, आनंद गुप्ता, जितेन्द्र कुमार यादव, अजय प्रताप सिंह, सिकन्दर आलम, रामलाल व राकेश यादव सक्रिय थे।

तहसीलदार की सील बनवाने की तैयारी में था आरोपी
पुलिस ने बताया कि आरोपी अरविंद बेक काफी शातिर है। गांव वालों को किसी भी प्रकार की मदद होती है तो गांव वाले आरोपी से सम्पर्क करते हैं। बैंक व किसी भी विभाग में सहयोग प्रदान करता है। ग्रामीणों का विश्वास हासिल कर उनके दस्तावेजों की फोटो खिंचकर आरोपी अपने पास रख लेता था।
महान-4 परियोजना में 35 अरब रुपए मुआवजा हेतु आया था तथा कुछ दिनों पूर्व वह प्रतापपुर तहसीलदार का फर्जी सलल बनवाने का प्रयास कर रहा था। सील बनवाने के पश्चात वह शासकीय भूमि का फर्जी पट्टा तैयार कर एसइसीएल से मुआवजा प्राप्त करने की तैयारी में था।

खडग़वां चौकी में दर्ज है मामला
आरोपी अरविंद बेक विगत 3 वर्षों से धोखाधड़ी करता आ रहा था। उसने अपने रिश्तेदार दूधनाथ मिंज की मुआवजा राशि ४० लाख को अपने बैंक खाता पंजाब नेशनल बैंक पम्पापुर में ट्रांसफर करा लिया था। जब इसकी जानकारी रिश्तेदार को हुई तो उसने तत्काल खाते से ट्रांसफर कर दिया था।
इसके साथ ही सीताराम, बाल साय, अमृत बेक उर्फ अमरू के नाम पर ग्राम जगन्नाथपुर चौक की भूमि का फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर मुआवजा की राशि 9 लाख 88 हजार 4 सौ रुपए अपने खाता ग्रामीण बैंक केरता में ट्रांसफर करवाकर गबन कर लिया था। इसमें अमृत बेक की शिकायत पर खडग़वां चौकी में जुर्म दर्ज है। वहां दर्ज मामले में अभी तक वह फरार है।

पुलिस ने सभी से की अपील
एसपी सदानंद कुमार ने सभी से अपील की कि किसी भी कार्यालय में खुद जाकर अपने दस्तावेज की तस्दीक करें। कोई भी वैधानिक व गोपनीय दस्तावेज किसी अन्य को न दें। एसइसीएल क्षेत्र के अधिकारियों से उन्होंने अपील की कि बिना दस्तावेज देख या फिर मौका निरीक्षण किये मुआवजा राशि जारी न करें।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो