कोर्ट में पीड़ित ने दी ये दलील
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा था कि खरपतवार को नष्ट करने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल के कारण उसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हुई है। पीड़ित ने जो उत्पाद खरीदा था उसमें ग्लाइफोसेट का इस्तेमाल किया जाता है जोकि कैंसर का कारक होता है। पीड़ित का आरोप है कि कंपनी ने उत्पाद पर कैंसर होने संबंधी चेतावनी नहीं दी थी। अदालत ने माना कि कंपनी को कैंसर संबंधी चेतावनी जारी करनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया जिसकी वजह से पीड़ित को कैंसर हुआ।
2016 में कंपनी पर किया था मुकदमा
46 साल के ड्वेन जॉनसन ने इस मामले की शिकायत साल 2016 में की थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के बीमार होने की वजह से इस मामले की सुनवाई तेजी से की। जॉनसन का कहना है कि वह इस कंपनी के उत्पाद को साल 2012 से इस्तेमाल कर रहे थे। उधर, कृषि रसायन बनाने वाली कंपनी ने कहा है कि वह इस मामले को ऊपरी अदालत में चुनौती देगी। कंपनी का दावा है कि उसके उत्पाद में कैंसर कारक कोई रसायन नहीं मिलाया जाता। बता दें कि इस नामी कंपनी पर अलग-अलग लोगों ने करीब पांच हजार मुकदमे दायर किए हैं।