इनसाइट मंगल ग्रह के बाहरी वातावरण में 19,800 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से प्रवेश करेगा और मंगल की धरती पर उतरने से पहले आठ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तक कम होगा। यह चरण सिर्फ सात मिनट के अंदर पूरा होना है। नासा के पासाडेना स्थित ‘जेट प्रोपल्सन लैबोरेटरी’ में इनसाइट के ‘प्रवेश, मंदी एंड लेंडिंग’ (ईडीएल) प्रमुख रॉब ग्रोवर ने कहा, “यही कारण है कि इंजीनियर मंगल पर यान के उतरने की प्रक्रिया को ‘आतंक के सात मिनट’ बुलाते हैं।” ग्रोवर ने कहा, “हम विमान के उतरने की प्रक्रिया पर नियंत्रण नहीं कर सकते, इसलिए हम अंतरिक्षयान में पहले से फीड किए गए निर्देशों पर निर्भर हो जाते हैं। अपनी योजनाओं का परीक्षण करने, मंगल पर अन्य यानों की लैंडिंग और मंगल से प्राप्त सभी जानकारियों को समझने में हमने सालों बिता दिए।” उन्होंने कहा, “और हम तब तक सतर्क रहने वाले हैं जब तक इनसाइट ‘एलीजियम प्लानीशिया’ क्षेत्र में स्थित अपने घर में स्थित नहीं हो जाता।”
पांच मई को लांच किया गया मार्स ‘इंटीरियर एक्सप्लोरेशन यूजिंग सीस्मिक इंवेस्टिगेशंस, जियोडेसी एंड हीट ट्रांसपोर्ट’ (इनसाइट) लेंडर 2012 में ‘क्यूरियोसिटी रोवर’ के बाद मंगल पर उतरने वाला नासा का पहला अंतरिक्ष यान है। यान के मंगल की धरती पर उतरते ही दो वर्षीय मिशन शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही इनसाइट पहला अंतरिक्ष यान हो जाएगा जो मंगल की गहरी आंतरिक संरचना का अध्ययन करेगा। इससे वैज्ञानिकों को हमारी अपनी पृथ्वी सहित पत्थर से बने सभी ग्रहों के निर्माण को समझने में मदद मिलेगी।