मौसम के अचानक बदलाव के बीच एक अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस अध्ययन में मौसम में बदलाव एक वजह पृथ्वी के पड़ोसी चांद भी बताया गया है। ये अध्ययन अमरीकन स्पेस एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स और स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ( NASA ) ने किया है।
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धरती की ओर 16 लाख किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा सौर तूफान, मोबाइल, लैपटॉप, स्मार्टी टीवी से लेकर कई जगह गुल जाएगी बत्ती नासा के इस अध्ययन के मुताबिक वर्ष 2030 यानी अब से करीब 9 वर्ष में जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ते समुद्र के जलस्तर के साथ चांद अपनी कक्षा से डगमगाएगा, जिससे धरती पर विनाशकारी बाढ़ आएगी।
जलवायु परिवर्तन के चलते चलते ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। इन ग्लेशियर के पिघलने का नतीजा कई देशों में बाढ़ के तौर पर देखने को मिल रहा है। वहीं अब नासा ने अपने एक अध्ययन में दावा किया है कि मौसम में इस बदलाव की वजह चांद भी हो सकता है। नासा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जलवायु परिवर्तन के चलते बढ़ते समुद्र के जलस्तर के साथ चांद के अपनी कक्षा में ‘डगमगाने’ से धरती पर विनाशकारी बाढ़ आएगी।
हालांकि इस बाढ़ को आने अभी वक्त लगेगा। अध्ययन के मुताबिक ये स्थिति वर्ष 2030 में बनेगी। नासा का ये अध्ययन क्लाइमेट चेंज पर आधारित जर्नल नेचर में 21 जून को प्रकाशित हुआ है।
चांद पर हलचल की वजह से आएगी बाढ़
नासा के अध्ययन के मुताबिक चांद पर हलचल के चलते धरती पर बाढ़ आएगा। चांद की वजह से आने वाली बाढ़ को ‘उपद्रवी बाढ़’ कहा गया है।
इस तरह की बाढ़ तटीय इलाकों में आती है, जब समुद्र की लहरें रोजाना की औसत ऊंचाई के मुकाबले 2 फीट ऊंची उठती हैं। घर और सड़क सब पानी में डूब जाते हैं। इसका रोजमर्रा की जिंदगी पर सीधा असर पड़ता है।
अध्ययन में कहा गया है कि वर्ष 2030 के दशक के मध्य तक ऐसे हालात बनते रहेंगे जो कभी भी अचानक से अनियमित हो जाएगी। 10 वर्षों तक सामान्य से तीन फीट ऊंची उठेंगी लहरें
अमरीकी तटीय इलाकों में समुद्र की लहरें अपनी सामान्य ऊंचाई के मुकाबले तीन से चार फीट ऊंची उठेंगी और ये सिलसिला एक दशक तक जारी रहेगा।
तटीय इलाकों में तबाही के आसार
NASA के प्रशासक बिल नेल्सन के मुताबिक, समुद्र के बढ़ते जलस्तर के चलते निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ रहा है। बार-बार बाढ़ आने से लोगों की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं और ये मुश्किलें आने वाले समय में और बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि अपनी कक्षा में चांद के जगह बदलने से गुरुत्वीय खिंचाव, बढ़ता समुद्रीय जलस्तर और जलवायु परिवर्तन एक साथ मिलकर वैश्विक स्तर पर तटीय इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा करेंगे, जिसके चलते भारी तबाही आ सकती है।
यह भी पढ़ेँः सिर्फ 56 मिनट में दुनिया के इस अरबपति ने कर ली अंतरिक्ष की यात्रा, भारतीय मूल की महिला ने भी रचा इतिहास, जानिए पूरा मामला चांद बदलेगा अपनी जगह!यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई में असिस्टेंट प्रोफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखक फिल थॉम्पसन ने के मुताबिक चांद जब अपनी कक्षा में डगमगाता है, तो इसे पूरा होने में 18.6 साल का वक्त लगता है। लेकिन पृथ्वी पर बढ़ती गर्मी के कारम बढ़ते समुद्रीय जलस्तर के बीच ये स्थिति काफी खतरनाक हो जाती है।