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अमरीका

कश्मीर के प्रस्ताव पर अमल न होना UN की बड़ी नाकामी : मलीहा

लोधी ने यह भी कहा कि जम्मू एवं कश्मीर कभी भी भारत का अविभाजित हिस्सा नहीं था और न ही हो सकता है

Oct 08, 2016 / 11:40 pm

जमील खान

Maliha Lodhi

Maliha Lodhi

संयुक्त राष्ट्र। पाकिस्तान की दूत मलीहा लोधी ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि कश्मीर पर स्वीकृत प्रस्तावों पर अमल नहीं हो पाना संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी नाकामी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की राजनीति एवं राजनैतिक स्वतंत्रता वाली विशेष समिति को संबोधित करते हुए लोधी ने शुक्रवार को कहा छह दशकों से भी अधिक हो गए और सुरक्षा परिषद अपने पारित प्रस्ताव को लागू करने में नाकाम है। उस प्रस्ताव में कश्मीरी जनता को अपने भाग्य का फैसला करने के लिए जनमत संग्रह करने की इजाजत देने की बात कही गई थी।

लोधी ने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी नाकामी है। लोधी ने यह भी कहा कि जम्मू एवं कश्मीर कभी भी भारत का अविभाजित हिस्सा नहीं था और न ही हो सकता है। यह एक विवादित क्षेत्र है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों के अनुसार इस पर अंतिम फैसला अभी किया जाना है।

उनकी यह टिप्पणी तब आई है, जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पिछले माह कहा था, जम्मू एवं कश्मीर भारत का अविभाज्य हिस्सा है और ऐसा ही रहेगा और पाकिस्तान को इस राज्य में अपनी लालच बंद कर करे।

पाकिस्तान टुडे के मुताबिक, भारत पर निशाना साधते हुए लोधी ने कहा, कश्मीरियों की पीढ़ी दर पीढ़ी ने केवल वादों को टूटते और क्रूर दमन होते देखा है। आज कश्मीरी जनता कब्जे के खिलाफ एकजुट होकर उठ गई है। वह कश्मीर घाटी में जारी मौजूदा उपद्रव के संदर्भ में बोल रही थीं जो आतंकी कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद गत नौ जुलाई से शुरू हुआ है।

उन्होंने कहा, हमारा ध्यान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को एक समान, विस्तृत और बगैर भेदभाव के लागू करने पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनकर लागू किए जाने से इस व्यवस्था में विश्वास को घटाता और संगठन की साख को कम करता है।

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