फैसले के खिलाफ अपील की भी कोई गुंजाइश नहीं
बयान में दी गई जानकारी के मुताबिक पूर्व आर्कबिशप फ्रांसिस्को जोस कॉक्स हुनीयस और पूर्व बिशप मार्को एंटोनियो फर्नांडीज को पद से हटाने के फैसले के खिलाफ अपील की भी कोई गुंजाइश नहीं है। बयान में स्पष्ट रूप से कहा गया कि दोनों को ‘नाबालिगों के खिलाफ दुर्व्यवहार करने के परिणामस्वरूप’ चर्च में पादरी के पद से हटाया जा रहा है।
पद से हटाना पादरी के लिए सबसे सख्त सजा
आपको बता दें कि किसी भी अपराध के लिए पादरी को उसके पद से हटाना पादरी के लिए सबसे सख्त श्रेणी की सजा मानी जाती है। ऐसी सजा पाने वाला अपराधी किसी भी धार्मिक गतिविधि में हिस्सा नहीं ले सकता। सिर्फ पादरी के रूप में ही नहीं बल्कि निजी तौर पर भी ऐसी कार्यक्रमों में शामिल होने की मनाही है।
राष्ट्रपति से मुश्किल स्थिति’ पर बातचीत
गौरतलब है कि चिली में नाबालिगों के यौन शोषण के करीब सैंकड़ों केस दर्ज हुए जिनमें पादरी मुख्य आरोपी हैं। जिसके बाद कैथोलिक चर्च में संकट गहराते जा रहा है। शनिवार को हुए चिली के राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा से मुलाकात के दौरान वहां की ‘मुश्किल स्थिति’ पर बातचीत की गई। एक आकंड़े के मुताबिक दक्षिण अमरीकी देश में साल 1960 से लेकर अब तक लगभग 167 बिशप, पादरी और चर्च के सदस्य यौन अपराधों की जांच का सामना किया है।