दबाव के बाद ट्रंप ने लिया फैसला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह निर्णय न्याय विभाग द्वारा बढ़ावा दी गई विवादास्पद ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के परिणामस्वरूप प्रशासन के सामने आने वाली समस्याओं के जवाब के संदर्भ में फैसला लिया गया है। यह नीति मेक्सिको के साथ लगे सीमा पर पकड़े गए प्रवासी परिवारों के सदस्यों को एक दूसरे से अलग करने की इजाजत देती है। दरअसल ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति की अमरीका में भारी विरोध हो रहा है। विपक्षी दल समेत मानवाधिकार संगठन और सामाजिक संगठनों ने इस नीति की कड़ी आलोचना की है और ट्रंप से ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को वापस लेने की मांग की है।
कोर्ट में भी पहुंचा है मामला
विवादित प्रवासी नीति का मामला कोर्ट में भी गया है। अभी हाल में ही कोर्ट ने डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स प्रोग्राम (डीएसीए) को पूर्ण रूप से बहाल करने का अपना आदेश बरकरार रखा था ऐसा करने के लिए ट्रंप प्रशासन को 20 दिनों की मोहलत दी थी। वाशिंगटन डी.सी. जिला न्यायाधीश जॉन बेट्स ने कहा था कि ट्रंप प्रशासन डीएसीए को समाप्त करने के अपने प्रस्ताव को न्यायसंगत ठहराने में विफल रहा है। बता दें कि ओबामा शासनकाल के दौरान इस कार्यक्रम से अवैध रूप से अमरीका आए लगभग आठ लाख युवाओं (बचपन में आए) को उनके देश भेजने से सुरक्षा प्रदान कराता है।